चूरू. मासूमों को चौराहों पर खड़ा कर भीख मंगवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. खेलने कूदने और क,ख,ग सीखने वाली उम्र में मासूमों के हाथों में कटोरा थमा दिया गया. चूरू चाइल्ड हेल्पलाइन (child helpline ) टीम की ओर से बाल तस्करी की रोकथाम के लिए चलाए गए विशेष अभियान के तहत इन मासूमों को दस्तयाब किया गया है.
चूरू चाइल्ड हेल्प लाइन की जिला समन्वयक रुकैया पठान ने बताया कि तीन अलग-अलग कैस में चौंकाने वाली बातें सामने आईं हैं. पहले केस में पिता द्वारा लिए गए कर्ज के एक लाख रुपए नहीं चुकाए जाने पर देनदार ने अपने पैसे वसूलने के लिए नाबालिग को भिक्षावृत्ति में ढकेल दिया और कर्ज के पैसों की वसूली शुरू कर दी.
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केस नंबर दो में पिता ने ही अपनी मासूम बेटी को बस स्टैंड पर भीख मांगने के लिए खड़ा कर दिया. आरोपी पिता अपने चार बच्चों को चार अलग-अलग जगहों पर खड़ा कर भीख मंगवाता और सुबह से दोपहर तक मांगी गई भीख के पैसे ले जाता. शाम को फिर वापिस बच्चों को घर ले जाता.
केस नंबर तीन में भी बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वाले गिरोह की भूमिका सामने आई है. टीम ने एक सात साल के मासूम को शुक्रवार को चूरू रेल्वे स्टेशन से दस्तयाब किया और बॉल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. समिति ने बालक के बयान लेकर उसे किशोर गृह के छात्रावास भेज दिया और बालिका को बालिका आश्रय गृह. अब इस पूरे नेटवर्क की टीम को तलाश कर आरोपियों को सलाखों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.