चूरू. जिला स्टेडियम में बने तरणताल में घटिया सामग्री का उपयोग करने की वजह से तरणताल पूरी तरह से उखड़ गया था. मामला उजागर होने के बाद तत्कालीन खेल मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और सांसद राहुल कस्वा सहित कई अधिकारियों ने इसमें निरीक्षण के बाद खामियां बताई थी. लेकिन जब से इसकी मरम्मत शुरू हुई है लोगों में चर्चा है कि यह काम कौन करवा रहा है. संबंधित अधिकारी भी इस पर चुप्पी साधे हुए थे. ईटीवी भारत ने पड़ताल की और जिम्मेदारों से बात की तो पता चला कि इसकी मरम्मत का काम संबंधित फर्म ही करवा रही है. तरणताल के पेंदे में घटिया सामग्री उपयोग में ली गई थी. इसकी टाइल और सीमेंट उच्च क्वालिटी की नहीं थी जिसकी वजह से बनाने के कुछ दिन बाद ही उखड़ गई थी.
बदहाल पड़े 88 लाख के तरणताल की मरम्मत का काम शुरू
जिला स्टेडियम में 88 लाख रुपए की लागत से बनाया गया तरणताल अब बदहाल स्थिति से बाहर होगा. तरणताल के निर्माण की मॉनिटरिंग करने वाले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही से तरणताल बनने के कुछ दिन बाद ही इसका फर्श उखड़ने लगा था.
बताया जा रहा है बावजूद इसके तत्कालीन पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन आरसी गुप्ता ने संबंधित फर्म को भुगतान कर दिया और तत्कालीन खेल अधिकारी उदयभान सिंह गुर्जर ने इसे हैंडओवर कर लिया. वर्तमान खेल अधिकारी ईश्वर सिंह लाम्बा का कहना है कि अब मरम्मत करवा रहे है मरम्मत कौन करवा रहे है इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2012-13 में तरणताल के लिए 88 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे. पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता आरडी बुनकर का कहना है कि तरणताल में टाईल्स उखड़ने का मामला सामने आया था. अब उसको संबंधित ठेकेदार ही ठीक करवा रहा है. पीडब्ल्यूडी अब वहां पर कोई नया निर्माण नहीं करवा रही है.