कपासन (चित्तौड़गढ़).राजकीय भवनों की दुर्दशा होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब किसी भवन से किसी कार्यालय का स्थानांतरण हो जाता है, तो उसके बाद जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से इस तरह पल्ला झाड़ लेते हैं. मानो विभाग या सरकार से इन इमारतों का कोई लेना-देना ही नहीं रहा हो. कुछ ऐसी ही तस्वीर कपासन में कस्बे के पुराने राजकीय चिकित्सालय भवन की देखने को मिल रही है.
चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते यह भवन अब रखरखाव के अभाव में शराबियों नशेड़ी और सटोरियों का अड्डा बन गया है. हालांकि इस भवन में वर्तमान में एक हिस्से में सिटी डिस्पेंसरी का संचालन किया जाता है, लेकिन इस भवन का एक हिस्सा पूरी तरह खाली पड़ा है. इस भवन के निर्माण में कई दानदाताओं ने सुविधा विस्तार के लिए सहयोग दिया था. अब इस भवन को असामाजिक तत्वों ने अपना अड्डा बना लिया है.
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वहीं दूसरी ओर राज्य मार्ग पर नया भवन बन जाने के चलते देखरेख के अभाव में यह भवन पूरी तरह जीर्णशीर्ण हो गया है. हालात यह है कि उचक्के यहां से विद्युत लाइने दरवाजे नल के पाइप और दीवारों पर लगी टाइल्स भी उखाड़ कर ले गए हैं. किसी समय में रोगियों को उपचार मुहैया कराने वाला यह केंद्र अब खाली शराब की बोतलों के भंडारण का केंद्र बनकर रह गया है. यहां बने एक्सरे ऑपरेशन थिएटर प्रसूति गृह आदि स्थान अब महज शराबियों के लिए मुफीद साबित हो रहे हैं और विभाग की लापरवाही भामाशाह द्वारा कराए गए कार्यों को पलीता लगाती प्रतीत हो रही है.
वहीं मुख्य ब्लाॅक चिकित्सा अधिकारी डाॅ. गणपत सिंह चैधरी ने बताया कि पुराने भवन के रख रखाव के लिए जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय अधिकारियों को इसकी स्थिति के बारे में अवगत करवा दिया है. उनके दिशानिर्देश पर उचित कार्रवाई की जाएगी.