क्यों संकट में है किसानों की किसान सम्मान निधि चित्तौड़गढ़.जिले के करीब 90000 से अधिक किसानों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि संकट में दिखाई दे रही है. केवाईसी के लिए 31 दिसंबर अंतिम तारीख निर्धारित की गई है, जबकि अब तक लगभग 38 फीसदी किसान अपना वेरिफिकेशन नहीं करवा पाए हैं. इन काश्तकारों को अगली किस्त का भुगतान नहीं हो पाएगा.
केंद्रीय सहकारी बैंक किसानों से केवाईसी करवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया रहा है और इसके लिए जगह-जगह राजस्व विभाग के शिविर भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन 62 फीसदी किसान ही केवाईसी को कंप्लीट करवा पाए (62 percent KYC not done in Chittorgarh) हैं. नोडल अधिकारी का कहना है कि निर्धारित अवधि में केवाईसी नहीं करवाने पर किसानों को 13वीं किस्त का भुगतान नहीं हो पाएगा. योजना के अंतर्गत संबंधित किसानों को हर 4 महीने में 2000 रुपए का भुगतान किया जाता है. यह राशि सीधे किसान के खाते में जाती है.
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जिले में 236172 किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से केवाईसी के जरिए संबंधित किसानों का फिर से वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है ताकि पात्र अन्य किसानों को भी योजना से जोड़ा जा सके. जिले में किसानों की केवाईसी करवाने का जिम्मा चित्तौड़गढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नानालाल चावला को सौंपा गया है. कृषि और राजस्व विभाग से सामंजस्य बिठाते हुए नोडल अधिकारी चावला ने विभागों के जरिए इसका प्रचार-प्रसार करवाया जा रहा है.
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निंबाहेड़ा राशमी सबसे टॉप पर: किसान सम्मान निधि के रूप में हर वर्ष 6000 रुपए प्रति किसान दिए जा रहे हैं. 236172 में से अब तक 145813 किसानों केवाईसी करवा चुके हैं. इनमें सर्वाधिक निंबाहेड़ा और राशमी क्षेत्र के किसान हैं. यहां 69 प्रतिशत केवाईसी का काम हो चुका है. निंबाहेड़ा में 19535 और राशमी में 11837 किसानों केवाईसी करवा चुके हैं. यहां अब क्रमशः 8437 तथा 5300 किसानों की केवाईसी शेष है.
रावतभाटा से भी चित्तौड़गढ़ कमजोर: आंकड़े बताते हैं कि केवाईसी में फिलहाल सबसे कमजोर चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति है. जहां अब तक 50 फीसदी किसान भी केवाईसी नहीं करवा पाए हैं. यहां अब भी 51 फीसदी किसानों की केवाईसी करवाना शेष है. केवल 16060 किसान केवाईसी करवा पाए, जबकि 17055 द्वारा करवाया जाना शेष है. चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति से रावतभाटा पंचायत समिति का काम और भी बेहतर कहा जा सकता है. जहां 13508 में से 7171 किसान केवाईसी करवा चुके हैं. हालांकि अब भी 46 फीसदी किसानों की केवाईसी बाकी है.
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यह है स्थिति: केवाईसी के आंकड़ों पर नजर डालें, तो अब तक बड़ी सादड़ी पंचायत समिति के 7063, बेगूं के 9062, भदेसर 9841, भूपालसागर 5021, डूंगला 8192, गंगरार 7351 और कपासन पंचायत समिति के 6700 किसानों की केवाईसी अब भी नहीं हो पाई है. जबकि किसानों के पास इस कार्य के लिए केवल 3 दिन शेष हैं. इतने दिनों में काश्तकारों की केवाईसी होना मुश्किल माना जा रहा है. ऐसे में जिले की हजारों किसानों की किसान सम्मान निधि संकट में मानी जा रही है.