चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर नारकोटिक्स विभाग कार्यालय में मंगलवार से अफीम वर्ष 2020-21 में अफीम की खेती के लिए पट्टों का वितरण शुरू हो गया. इसके साथ ही अफीम किसानों के चेहरे खिल उठे है. दीपावली तक अफीम बुवाई का कार्य पूरा हो जाएगा. जैसे-जैसे लाइसेंस का वितरण होगा वैसे किसान बुवाई करेंगे. किसानों का कहना है कि इस वर्ष अफीम पॉलिसी में कोरोना के चलते थोड़ी देरी हुई है.
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जानकारी के अनुसार हाल ही में नारकोटिक्स विभाग की और से नई अफीम पॉलिसी जारी की गई थी. इस पॉलिसी में पात्र किसानों की सूची विभाग की और से तैयार कर इन्हें सूचना दी गई है. चित्तौड़गढ़ जिले में जिला नारकोटिक्स अधिकारी के तीन अलग-अलग खण्ड हैं, जिनमें करीब 15 हजार किसानों को अफीम लाइसेंस का वितरण होना है. जिले के खंड प्रथम में चित्तौड़गढ़, भदेसर, कपासन व उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील के गांव, खण्ड द्वितीय में निम्बाहेड़ा व बड़ीसादड़ी तहसील तथा खण्ड तृतीय में शेष तहसीलों के गांव आते हैं.
इन गांवों में इस वर्ष 15,000 से अधिक किसानों को अफीम के लाइसेंस वितरण किया जाएगा. चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित नारकोटिक्स विभाग कार्यालय परिसर में मुख्यालय के निर्देशानुसार अफीम लाइसेंस का वितरण शुरू किया गया. यहां अलग-अलग तीन खंडों के लिए शामियाने लगाए गए हैं, जिसमें कोरोना से बचाव के लिए विशेष प्रबंध भी किए गए हैं. साथ ही प्रत्येक खण्ड की और से कार्यक्रम बनाया गया है. जिसके अनुसार गांवों से किसानों के मुखिया को बुलाया जा रहा है. एक दिन में 15 से 18 गांव के किसानों को लाइसेंस का वितरण हो रहा है.
कोरोना के कारण देर से जारी हुई अफीम पॉलिसी
इस वर्ष नई अफीम पॉलिसी कुछ दिनों की देरी से जारी हुई है. अफीम पॉलिसी शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर पिछले दिनों किसानों ने प्रदर्शन भी किया था. वहीं, किसानों का मानना है कि अफीम पॉलिसी में देरी का कारण कोरोना संक्रमण रहा होगा. अभी बुवाई में ज्यादा देरी नहीं हुई है. लाइसेंस मिलते ही किसान खेतों में अफीम की बुवाई में जुट जाएंगे. बुवाई को लेकर किसानों ने पहले से ही खेत तैयार कर लिए हैं. अफीम की बुवाई के लिए खेतों में नमी ज्यादा जरूरी है.