चित्तौड़गढ़. देश में कोरोना संक्रमण का उतार क्या आया लोग फिर से पुराने ढर्रे पर लौटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं कस्बे में महेश जयंती पर कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली, जहां कोरोना मुक्ति की कामना के लिए अनुष्ठान किया गया, लेकिन अनुष्ठान करने वाले कोविड-19 की गाइडलाइन को ही भूल बैठे.
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अनुष्ठान के मौके पर न तो किसी के चेहरे पर मास्क था और न ही उनके बीच किसी भी प्रकार की दूरी. महेश जयंती के मौके पर नीलकंठ महादेव मंदिर में अनुष्ठान का आयोजन किया गया था. इस दौरान कोरोना को लेकर अनुष्ठान करने वाले लोगों की लापरवाही साफ नजर आई. यहां कोई भी व्यक्ति मास्क में नजर नहीं आया. यहां तक कि सब एक दूसरे से सटे हुए थे, जबकि कोरोना गाइडलाइन में 2 गज दूरी रखने का प्रावधान है.
कोरोना का खतरा टला नहीं कि लोगों ने लापरवाही बरतना शुरु कर दिया... यही नहीं, पुराने बस स्टैंड पर तुलसी के 100 पौधों का वितरण भी किया गया, लेकिन यहां पर भी न तो आयोजक और ना ही पौधे लेने वालों में गाइडलाइन को लेकर कोई गंभीरता दिखाई दी. बता दें कि संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बेगूं सहित उपखंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग संक्रमण का शिकार हुए थे.