नागौर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा सरकार के समय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे.तब कांग्रेस के नेताओं ने उनकी समस्याओं का निपटारा करने का आश्वासन दिया था. अब सरकार बनने के छह महीने बाद भी नई बसों की खरीद, सातवें वेतन आयोग और रिटायर्ड कर्मचारियों के भुगतान को लेकर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया है.
ऐसे में कर्मचारी यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ने 18 जून को आगार स्तर पर आंदोलन करने का फैसला लिया है. इसके बाद 3 जुलाई को जयपुर में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.
नागौर में रोडवेज की कई बसें सड़क पर चलने की हालत में नहीं हैं. फिर भी उन्हें दौड़ाया जा रहा है. रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि नई बसें देने के बजाए सरकार अनुबंध पर बसें लगाने को प्राथमिकता दे रही है. कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का वादा भी सरकार ने पूरा नहीं किया है.
रोडवेज कर्मचारी आंदोलन करने को तैयार उन्होंने कहा कि रिटायर्ड कर्मचारियों को भुगतान करने में भी कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है. ऐसे में रोडवेज कर्मचारी यूनियन के संयुक्त मोर्चे ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला किया है. इसके तहत 18 जून को आगार स्तर पर आंदोलन और 3 जुलाई को जयपुर में प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा. फिर भी सरकार सुध नहीं लेती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा.