जयपुर. राजधानी में साल 2000 में ऑपरेशन पिंक चला था. उसके बाद साल 2012 में यानी 7 साल पहले निगम प्रशासन और पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन परकोटा चलाया था. तब बरामदे, चौपड़ के खंदे और बाजारों से बड़ी तादाद में अतिक्रमण हटाए गए थे. लेकिन, 2018 से 2019 के बीच निगम में अतिक्रमण की 2200 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई. वहीं हाल ही में यूनेस्को ने जयपुर के परकोटा क्षेत्र को वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल किया है. जिसके चलते यूडीएच मंत्री के निर्देश पर अब निगम प्रशासन की ओर से ऑपरेशन पिंक की तर्ज पर अभियान चल रहा है.
जिसके तहत बरामदों को खाली कराने और क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को हटाने का काम फिर शुरु हुआ. इसके साथ ही नॉन वेंडिंग जोन से फुटकर व्यवसायियों को भी शिफ्ट करने के प्रयास चल रहे हैं. लेकिन, इसका असर टेंपरेरी ही दिखा. ताजा उदाहरण चांदपोल, रामगंज और परकोटे के दूसरे बाजारों का है. जहां निगम की टीम के पहुंचने पर तो बरामदे भी खाली हो जाते हैं.