वैभव को टिकट मिलता है तो मेरे खाते में मत डालना...वो 15 सालों से पार्टी के काम में लगा हुआ है- गहलोत
दो दिवसीय दौरे पर जोधपुर आए अशोक गहलोत ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए. उनसे जब उनके बेटे वैभव गहलोत के चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 15 साल मैंने उन्हें रोक रखा था लेकिन अब वो कहीं से भी चुनाव लड़े इसकी मैंने हां कर दिया है.
गुरुवार को जोधपुर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मारवाड़ की चारों सीटों के लिए फीडबैक लेना शुरू कर दिया. गुरुवार रात उन्होंने मानवेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री चंद्रेश कुमारी और पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ से मुलाकात की. वहीं शुक्रवार सुबह भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम उनसे मिलने पहुंचे हालांकि उनकी मुलाकात नहीं हुई.
इस बीच जब अशोक गहलोत मीडिया से बात कर रहे थे तो उनसे पूछा गया कि क्या वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव लड़ाया जा रहा है. तो उनका कहना था कि मैंने 15 साल से उन्हें रोक रखा था लेकिन अब कह रखा है वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन मेरे खाते से नहीं. वे पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कहीं से भी चुनाव लड़ें. 25 सदस्य किसी भी सीट से चुनाव लड़े मेरी कोई बाध्यता नहीं है. मेरी तरफ से हां है लेकिन वह चुनाव कहां से लड़ेंगे यह आलाकमान को ही तय करना है.
गहलोत ने कहा कि वैभव पार्टी के 15 साल से काम कर रहे हैं. विभिन्न पदों के साथ विधानसभा चुनाव में भी वो सक्रिय रहे हैं. कैंपेन में गए हैं. मेरे चुनाव प्रचार में भी आए थे और जिन्होंने भी बुलाया है उनके चुनाव प्रचार में वह जाते रहते हैं. ऐसे में आलाकमान को तय करना है उनको चुनाव लड़ना है या नहीं.
अशोक गहलोत के इस बयान से साफ है कि वो चाहते हैं कि आलाकमान वैभव गहलोत को टिकट दे. लेकिन इसमें कहीं भी उनका नाम ना आए. कुल मिलाकर अब यह काफी हद तक साफ हो गया है कि वैभव गहलोत इस बार लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.