बूंदी.हाड़ौती के पर्यटन पर्व बूंदी उत्सव 2019 का आगाज गढ़ पैलेस के गणेश पूजन व ध्वजारोहण के साथ हुआ. सांस्कृतिक रंगों के समागम के बीच हाड़ौती के पर्व का तीन दिवसीय बूंदी उत्सव का शुभारंभ मंगल वाद्य, ढोल नगाड़ों एवं झांझों की ध्वनियों और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गढ़ गणेश की विधिवत पूजा अर्चना के साथ हुआ. जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने गढ़ गणेश की पूजा-अर्चना की. इसके बाद ध्वजारोहण कर उत्सव का श्रीगणेश किया.
विदेशी पावणों ने जमकर लिया प्रतियोगिताओं में हिस्सा
मधुर स्वर लहरियों के बीच भव्य शोभायात्रा शुरू हुई. जो शहर के प्रमुख मार्ग पर होते हुए पुलिस ग्राउंड पर पहुंचकर संपन्न हुई. शोभायात्रा के बाद पुलिस परेड ग्राउंड पर आयोजित परंपरागत प्रतियोगिताओं में पूरे वातावरण को उत्सवी रंग में रंग दिया. पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस उत्सव में विदेशी पावणों के साथ बूंदीवासियों ने भी उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभाई.
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शोभायात्रा में झलका विरासत का वैभव
उत्सव के कार्यक्रम की संख्या में पहले दिन गढ़ पैलेस से भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए पुलिस पर ग्राउंड पहुंची. जहां विधिवत तरीके से संपन्न हुई. पुष्प वर्षा, आतिशबाजी, तांबूल से शोभायात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया. विभिन्न समाजों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, जिला कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों, रेडक्रॉस सोसाइटी और अग्रिम संगठनों ने स्वागत किया. किसी ने पुष्प वर्षा की तो किसी ने लौंग, इलायची, ताम्बूल से सत्कार किया. बूंदी उत्सव का दूसरा चरण पुलिस परेड ग्राउंड में हुआ. जहां विधिवत प्रतियोगिताएं आयोजित हुई.
शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब
विभिन्न समाजों के धर्मगुरु, विदेशी पावणे एवं गणमान्य नागरिक जनप्रतिनिधि एवं आमजन के बीच जिला कलेक्टर रुकमणि रियार एवं पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता की अगुवाई में जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी, विद्यार्थी, स्काउट गाइड, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सभी शोभायात्रा में भागीदारी बनें. जैसे-जैसे शोभायात्रा शहर की गलियों से आगे बढ़ती ही जा रही थी. वैसे वैसे बूंदीवासी इसे निहारने और उसके स्वागत के लिए तत्पर होते जा रहे थे. घरों, मकानों, दुकानों के बाहर, छतों, मुंडेरों और झरोखे से लोगों ने विरासत की झांकी को निखारा.
शोभायात्रा में दिखे संस्कृति के कई रंग
शोभायात्रा में शामिल हाथी, घोड़े, ऊंट गाड़ी, बैंड दल, खुली जीप, मंगल कलशदारी बालिकाएं, परंपरागत वेशभूषा में महिलाएं, विदेशी सैलानी तथा झांकियां शामिल रही. शोभायात्रा में बैंडों के कई दल स्वर लहरियों को बिखेरते हुए चल रहे थे. वहीं लोकगीत व नृत्यों की प्रस्तुति देते कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को रोमांचित कर रहे थे. इसके अलावा विभिन्न समाजों के प्रमुख धर्माचार्य परंपरागत वेशभूषा में शामिल थे. शोभायात्रा में महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण, हाड़ी रानी की झांकी तथा विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की झांकियां आमजन को संदेश देती हुई नजर आई. इनमें से स्वच्छता मिशन, अन्नपूर्णा भंडार, चिकित्सा विभाग, महिला बाल विकास की झांकियां भी शामिल थी.