बूंदी. मंत्री अशोक गहलोत ने 1 अप्रैल से राज्य में लोगों को निशुल्क पानी देने की घोषणा की है. जिसको लेकर लोगों की अलग- अगल तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई लोगों में प्रदेश सरकार की इस घोषणा के बाद काफी उत्साह है. वहीं कुछ लोग इसे चुनावी लालीपॉप बता रहे हैं.
गहलोत सरकार की इस घोषणा के बाद ईटीवी भारत ने लोगों की राय जाननी चाही. जब रिपोर्टर बूंदी के पेयजल के भारी किल्लत वाले इलाकों में पहुंचे तो लोगों ने प्रदेश सरकार की घोषणा को लेकर अलग- अलग प्रतिक्रियाएं दी. उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए इस तरह की योजना गहलोत ने लागू की है. जिससे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिल जाए. वहीं लोगों ने गहलोत सरकार की कर्जमाफी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कर्जमाफी की ग्राउंड रिपोर्ट से ही योजना की हकीकत का पता चल जाता है.
लोगों ने कहा कि पानी मुफ्त देना बहुत अच्छी बात है लेकिन पानी समय पर आए यह सबसे महत्वपूर्ण है. जिन इलाकों में पानी ही समय पर नहीं आता वहां पर मुफ्त देने का क्या मतलब है. वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि गहलोत सरकार ने जब भी किसी योजना को प्रदेश में लागू किया है तो वह योजना मील का पत्थर साबित हुई है. वहीं कुछ ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों को जुमलेबाज बताया.
आपको बता दें कि बूंदी शहर में ही पानी की काफी किल्लत है. सप्ताह भर से भी अधिक बार कई इलाकों में पानी नहीं आ पाता. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब ये देखना है कि गहलोत सरकार की इस योजना का लोगों कितना लाभ मिल पाएगा. फिलहाल आवश्यकता इस बात की है कि जिन इलाकों में नियमित रूप से पानी नहीं पहुंच पाता वहां समय रहते पानी पहुंचाने की.
वहीं जोधपुर में भी लोगों ने गहलोत सरकार की निशुल्क पानी को सप्लाई को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ लोग इस घोषणा की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग गहलोत सरकार द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यह वोट हासिल करने की रणनीति है. चुनाव के बाद यह योजना बन्द कर दी जाएगी. जबकि महिलाओं का कहना है कि गहलोत सरकार द्वारा इस पानी निःशुल्क करने के बाद पानी की बचत होगी और हर आदमी 15000 लीटर तक पानी का ही उपयोग करेगा जिस से बिल आने के डर से लोग कम पानी का इस्तेमाल करेंगे.