बूंदी. आयुर्वेद में तन-मन को दुरुस्त रखने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. इनमें से पंचकर्म काफी अहम है. पंचकर्म के उपयोग से तन और मन की परेशानियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. ऐसे में इसका फायदा अब विदेशी सैलानी भी फायदा उठा रहे हैं. बूंदी में आयुर्वेदिक अस्पताल में पंचकर्म से अब तक 16 देशों के विदेशी सैलानी इस पंचकर्म पद्धति से अपना इलाज करवा चुके हैं.
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अब तक 16 से अधिक देशों के विदेशियों ने करवाया पंचकर्म
विदेशी सैलानियों में से हॉलैंड की एयर होस्टेस एलिजाबेथ ने 3 दिनों तक यहां पर रहकर पंचकर्म करवाया है. उन्हें पीठ, दर्द गर्दन व नींद नहीं आने की शिकायत थी. इस पर उन्हें 3 दिन तक यहां पर भर्ती किया गया और उन्हें राहत मिलने के बाद एलिजाबेथ वापस अपने वतन लौट गई है और पंचकर्म कि उन्होंने तारीफ की है.
प्रदेश में बूंदी का आयुर्वेदिक अस्पताल लगातार देश में नए आयाम छूते हुए नजर आ रहा है. यहां पर मेडिकल कॉलेजों में मिलने वाली सुविधा पंचकर्म के शुरू होने के बाद लगातार नए आयाम स्थापित होते जा रहे हैं. दूरदराज से मरीजों का यहां पर पंचकर्म पद्धति से इलाज किया जा रहा है. इसी बीच विदेशी सैलानी भी इस पंचकर्म का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं और इलाज करवा रहे हैं.
6 माह से चल रहा है पंचकर्म का कार्य
शहर के बालचंद पाड़ा स्थित जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर बूंदी में पंचकर्म इलाज शुरू हुए 6 माह हो चुके है. यहां पर 5 पद्धति से पंचकर्म किया जाता है. मरीज के अनुसार उसका पंचकर्म यहां के चिकित्सक करते हैं और काफी संख्या में यहां पर रोज मरीज पहुंच रहे हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सालय में अब तक 16 से अधिक विदेशी देश के पर्यटकों अपना इलाज करवा चुके है. जहां पर उन्होंने और वैदिक पद्धति से पंचकर्म होने वाले इलाज को लेकर जानकारी ली. पंचकर्म से होने वाले फायदे को भी मौके पर उसका लाभ उठाया और यह भी जाना कि कैसे उपचार किया जाता है. साथ ही उन प्रक्रिया को उन्होंने अपने मोबाइल में भी कैद किया.
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जटिल रोगों का इलाज पंचकर्म
आपको बता दें कि पंच कर्म में मुख्य रूप से जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है. जिसमें मुख्य रुप से अस्थि रोग होते हैं. इसका किसी दवा से इलाज नहीं होता तो पंचकर्म इसका उपाय है. यहां पर विदेशी पर्यटकों ने भी अपने घुटने, कमर गर्दन आदि दर्द को लेकर डॉक्टर सुनील कुशवाह को बताया. उन्होंने उनकी बीमारी का इलाज विभिन्न पंचकर्म की क्रियाओं के साथ और उन्हें कुछ मिनटों में ही आराम दिला दिया. लेकिन इस लंबे आराम लेने के लिए 7 से 8 दिन तक क्रिया करनी होती है और सभी क्रियाओं को किया जाता है. तब जाकर उन्हें बीमारी से पूरा निजात ओर लाभ मिल पाता है.