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बूंदी कांग्रेस उपाध्यक्ष चर्मेश शर्मा का बड़ा बयान- क्रॉस वोटिंग हुई तो छोड़ दूंगा राजनीति

कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष चर्मेश शर्मा ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बूंदी नगर परिषद में सभापति पद के लिए कांग्रेस का एक भी वोट क्रॉस वोटिंग में नहीं जाएगा. यदि 28 वोटों में से एक भी वोट क्रॉस वोटिंग में जाता है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे.

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Published : Feb 3, 2021, 9:13 PM IST

charmesh sharma,  cross voting
बूंदी कांग्रेस उपाध्यक्ष चर्मेश शर्मा

बूंदी. कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष चर्मेश शर्मा ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बूंदी नगर परिषद में सभापति पद के लिए कांग्रेस का एक भी वोट क्रॉस वोटिंग में नहीं जाएगा. यदि 28 वोटों में से एक भी वोट क्रॉस वोटिंग में जाता है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. बूंदी नगर परिषद में सभापति पद के लिए स्पष्ट बहुमत किसी के पास भी नहीं है और कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों को निर्दलीय की आवश्यकता है.

बूंदी में निकाय चुनाव

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निर्दलीय ही किंगमेकर बन कर बूंदी में सभापति का ताज तय करेंगे. लेकिन क्रॉस वोटिंग के खतरे को लेकर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष चर्मेश शर्मा ने कहा है कि यदि कांग्रेस की 28 सीटों में से एक भी क्रॉस वोटिंग में जाती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि बूंदी में कांग्रेस का बोर्ड बनने जा रहा है और बहुमत से अधिक का मत उनके पार्टी के पास हैं और 7 फरवरी को हो रहे चुनाव में नतीजे सबके सामने होंगे.

क्रॉस वोटिंग का रहा है बूंदी का इतिहास

बूंदी नगर परिषद में स्पष्ट बहुमत नहीं आने के बाद अब दोनों ही पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर सतर्कता बरत रही हैं. दोनों ही पार्टियां अपने चुने हुए पार्षदों को बाड़ेबंदी में रखने का प्रयास कर रही हैं. यहां बूंदी में क्रॉस वोटिंग का अपना एक इतिहास रहा है. कई चुनावों में यहां दोनों ही प्रमुख पार्टियों के पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है. गत चुनाव में भी यहां बूंदी नगर परिषद में क्रॉस वोटिंग होने के कारण ही भाजपा प्रत्याशी महावीर मोदी को सभापति चुना गया था.

गत चुनाव में जिन पार्षदों पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगा था वह इस बार भी चुनाव जीतकर पार्षद बन चुके हैं. वहीं यहां बूंदी नगर परिषद सभापति के चुनाव के लिए इस बार भी पार्षदों की खरीद-फरोख्त की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. सूत्रों की मानें तो वर्तमान में भी बूंदी नगर परिषद में चुने हुए पार्षदों की खरीद-फरोख्त की जा रही है. यहां निर्दलीय के रूप में चुनाव जीतकर नगर परिषद पहुंचे पार्षदों की चांदी ही चांदी हो गई है. इन निर्दलीय पार्षदों को लाखों रुपए के पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं. जो भी हो बूंदी नगर परिषद में इस बार सभापति के लिए चुनावी मुकाबला रोचक होता नजर आ रहा है. हालांकि यदि क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी की मधु नुवाल का बूंदी सभापति बनना तय है.

बूंदी नगर परिषद में कांग्रेस को 60 वार्डों में से 28 सीटें मिली हैं. जबकि बीजेपी को 24 सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा है. वहीं 8 निर्दलीय यहां पर जीतकर नगर परिषद पहुंचे हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों को बहुमत के लिए निर्दलीयों की जरूरत है. कांग्रेस को वह बीजेपी को जीत के लिए कुल मिलाकर 31 सीटों का आंकड़ा लाना होगा तभी जाकर यहां पर बोर्ड बनना तय होगा लेकिन कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

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