बूंदी.शहर में बने 5 पार्क की हालात खराब बनी हुई है. शहर के सबसे बड़े आजाद पार्क का पार्किंग स्थल शहर का कचरा स्थल बना हुआ है. पास में स्थित बाल उद्यान के झूले चकरी और फिसल पट्टी टूट चुकी है. इसके अलावा नवल सागर पार्क ,स्मृति कुंज , टेरिस गार्डन, विकास नगर पार्क स्तिथि भी बेहद खराब है. पार्क का सहीं रखरखाव नहीं होने से गंदगी के चलते पौधे मुर्झा रहे है. छोटे बच्चों को टूटे खिलौनें मायूस कर रहे है. नगर परिषद भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. एक तरफ बूंदी के पर्यटन को दाग लगा हुआ है, तो दूसरी ओर शहर के पार्को का भी हालत भी गंभीर हैं.
छोटीकाशी बूंदी के पार्क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. बदल पार्क चौतरफा गंदगी आवारा मवेशी ,अवैध टैक्सी स्टैंड गंदे टॉयलेट नगर परिषद की उदासीनता की कहानी बयां कर रहे हैं. यह स्तिथि आजाद पार्क की हैं. जगह-जगह गंदगी के ढेर और बदहाल होता मैदान है. यहां मॅार्निंग वॉक के लिए आने वाले लोगों भी परेशान हो रहे है. नगर परिषद आजाद पार्क की अनदेखी कर रही है.
बूंदी का आजाद पार्क हुआ बदहाल , गंदगी और बदबू से परेशान हैं जन लोग गंदगी डाल जाते हैं जिसे दुर्गन्ध फैलती है. पार्क की लाइट भी बंद पड़ी हुई है जिसे शाम और सुबह आने वाले लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ा है. शहर के बीचो बीच बने आजाद पार्क की आबोहवा लोगों को सुकून देने की बजाय सांसों में जहर घोल रही है. आजाद पार्क की चारदीवारी टूट चुकी है लोहे की झालिया टूट चुकी है. पार्क में स्थित हंसा देवी मंदिर के बाहर कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे पार्क में आने वाले लोगों को श्वास लेना भी दूभर हो रहा है.
कई लोग यहां कार्यक्रमों का जूठन भी डाल जाते हैं, जो कई समय तक सड़ता रहता है. यहां पर शहर भर के निजी वाहन खड़े रहते हैं और यहीं से अवैध टैक्सी स्टैंड चल रहा है साथ ही अब तो शहर भर के लोग भी यहां पर कचरा डालना शुरू कर चुके हैं. यानी अब यह गंदगी का पार्क बन चुका हैं. इस मामले में नगर परिषद का कहना है कि हमने अमृत योजना के तहत एक टेंडर जारी किया था जिसमें पार्क के विकास को लेकर काफी निर्णय लिए गए हैं. ऐसे में जल्द टेंडर पास होने के बाद ही पार्क के विकास शुरू हो जाएंगे.
आपको बता दें कि शहर के बीचोबीच पार्क स्थित है यहां शहर के लोग गुजरते हैं साथ ही विदेशी पर्यटक भी यहां आते हैं .वह भी गंदगी को देखते हैं तो अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं . अब नगर परिषद ने अमृत योजना के तहत टेंडर जारी कर दिया लेकिन संवेदक द्वारा कोई विकास कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं जिसके चलते पार्क की दुर्गति और बढ़ती जा रही है .