बूंदी.पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बूंदी न्यायालय ने भंवर जितेंद्र सिंह को प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ पर प्रसंज्ञान लिया है. इस आधार पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest warrant of Bhanwar Jitendra Singh) जारी किए गए हैं.
बता दें कि राज परिवार के संपत्ति विवाद मामले में वर्ष 2017 में अविनाश चांदना ने भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट बूंदी ने भंवर जितेंद्र सिंह को उनके मामा रणजीत सिंह की वसियत (Ranjit Singh will case ) को लेकर स्वयं के फायदे के लिए ट्रस्ट डीड बनाने का आरोपी माना है. इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने के आरोप में धारा 420, 467, 468 व 471 में लिया प्रसंज्ञान लिया है.
कोर्ट ने भंवर जितेंद्र के साथ बूंदी के पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथ हाड़ा और भंवर जितेंद्र के ससुर बृजेंद्र सिंह को भी इस फर्जीवाड़े में शामिल माना है. कोर्ट ने तीनों के खिलाफ फौजदारी में प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया है. इस मामले में अगली तारीख 6 जनवरी 2022 रखी गई है.
मामले के अनुसार बूंदी के पूर्व नरेश रणजीत सिंह ने अपनी पूरी वसीयत मित्र अविनाश चांदना के नाम की थी. रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद उनके भांजे भंवर जितेंद्र सिंह ने एक ट्रस्ट डीड उजागर की थी. जिसमें बताया कि उनके मामा ने पूरी संपत्ति ट्रस्टी डीड बनाकर आशापुरा माता मंदिर को समर्पित कर दिया है. साथ ही इस ट्रस्ट का मुख्य सेवायत भंवर जितेंद्र सिंह को बनाया है.