अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में फर कटिंग बीकानेर. अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव अपने नाम से ही ऊंट का महत्व बताता है. राजस्थान के रेतीली इलाके में रेगिस्तान के जहाज ऊंट का महत्व आज भी कम नहीं है. बात अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव की हो और ऊंट का जिक्र नहीं हो तो ऐसा लगता है कि ऊंट उत्सव अधूरा है. यही कारण है कि ऊंट उत्सव के दौरान ऊंट से जुड़ी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है.
ऊंटों की इस प्रतियोगिता में वैसे तो कई आयोजन होते हैं, लेकिन एक प्रतियोगिता होती है फर कटिंग, जिसमें ऊंट के शरीर पर नक्काशी और चित्रकला के जरिए बालों की कटिंग करके आकृति उकेरी जाती है. यह प्रतियोगिता विशेष आकर्षण का केंद्र होती है. कोई आकृति उभर जाती है. इस बार की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अक्कासर गांव के रामलाल कूकना रहे, जिन्होंने शानदार तरीके से फर कटिंग कर सबकी दाद बटोरी.
फर कटिंग से दर्शाए राम-सीता और हनुमान के चित्र इसे भी पढ़ें :बीकानेर कार्निवल में स्थानीय धुनों पर झूमे देसी विदेशी पर्यटक, संगीत संध्या में दिखाया उत्साह
भगवान राम सीता हनुमान का चित्र उकेरा :अक्कासर गांव के ऊंट पालक रामलाल ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में भाग ले रहे हैं और इस बार उन्होंने ऊंट के शरीर पर फर कटिंग के जरिए भगवान राम सीता और हनुमान जी का भी चित्र उकेरा है, क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है.
फर कटिंग प्रतियोगिता में रामलाल रहे विजेता बाबा रामदेव और तेजाजी के चित्र भी उकेरे : ऊंट पालक रामलाल ने पिछले दो महीनों से मेहनत करते हुए अपने एक साथी के साथ फर कटिंग में वह कमाल किया जिसको देख हर कोई हतप्रभ हो उठा. रामलाल ने ऊंट के शरीर पर फर कटिंग के जरिए लोक देवता बाबा रामदेव और लोक देवता वीर तेजाजी को अश्व पर सवार होते हुए दिखाया.
रामलाल ने बताया कि इस काम के लिए उन्होंने कोई विशेष ट्रेनिंग नहीं ली, लेकिन वह इस काम को देखते-देखते सीख गए. इस बार ऊंट उत्सव में उन्हें प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. वाकई ऊंट के शरीर पर रामलाल ने जिस तरीके से चित्रण करते हुए फर कटिंग की, वह अपने आप में एक नायाब कला है और इस बेजोड़ कला का कोई मुकाबला नजर नहीं आता.