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बीकानेर: सब मिलकर सुधारेंगे PBM अस्पताल के हालात... सुनिये और क्या बोले नए अधीक्षक

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Published : Nov 19, 2020, 6:07 PM IST

प्रदेश के बड़े अस्पतालों में शुमार और बीकानेर संभाग का सबसे बड़ा पीबीएम अस्पताल लोगों की इलाज से ज्यादा बदहाली के लिए पहचाना जाता है. साथ ही यहां बदहाल व्यवस्था के चलते ही कोई अधीक्षक नहीं बनना चाहता. यही कारण है कि कोरोना के आठ महीने के काल में पांचवीं बार अधीक्षक बदला गया है.

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पीबीएम हॉस्पीटल में नियुक्त किए नए अधीक्षक

बीकानेर.जिले के पीबीएम अस्पताल में एक बार फिर अधीक्षक की बदली की गई है. जिसमें राज्य सरकार की ओर से मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. परमेंद्र सिरोही को पीबीएम हॉस्पीटल का नया अक्षीक्षक नियुक्त किया गया है. हांलाकि पांच दिन पहले अधीक्षक के आदेश हो गए थे, लेकिन परमेंद्र सिरोही मेडिकल अवकाश पर थे इसलिए चार्ज नहीं संभाल पाए थे.

पीबीएम हॉस्पीटल में नियुक्त किए नए अधीक्षक

इस दौरान नवनियुक्त अधीक्षक ने अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, सफाई व्यवस्था मरीजों के इलाज और अस्पताल में आए दिन होते हंगामें जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर कई मुद्दों पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इसके बाद उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता कोरोना को लेकर अव्यवस्थाओं को दूर करना है और उसमें सबसे महत्वपूर्ण ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था अस्पताल में हर जगह पर हो इसको लेकर गाइडलाइन के हिसाब से काम कर रहे हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में सफाई-व्यवस्था की बदहाली की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि इस व्यवस्था को सुधारने के लिए काम करेंगे. साथ ही कहा कि अस्पताल में मरीज और परिजन बेहतर इलाज के लिए आते हैं और उन्हें यहां बेहतर माहौल मिले इसको लेकर उन्होंने हर विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बातचीत की है. साथ ही उनका कहना था कि वे समय को मिलाकर सबके साथ एक टीम वर्क के रूप में काम करेंगे.

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दरअसल, पीबीएम अस्पताल में अधीक्षक के पद पर कोई भी डॉक्टर लगना नहीं चाहता है. इसका मुख्य कारण यहां अस्पताल में आए दिन होते विवाद के साथ ही बदहाल सफाई व्यवस्था और मरीज के परिजन और चिकित्सकों में इलाज में लापरवाही के विवाद के साथ ही अस्पताल की अवस्थाओं के बाद राजनीतिक हस्तक्षेप पर आए दिन होते देने प्रदर्शन एक बड़ा कारण है.

ऐसे में एक बार फिर सरकार ने एक वरिष्ठ चिकित्सक को उसकी जिम्मेदारी दी है और अब उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में शायद नए अधीक्षक कुछ कारनामा कर सके. साथ ही अस्पताल की खोई प्रतिष्ठा को वापस लौटाने का काम हो सके.

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