भीलवाड़ा.जिले के रायपुर थाना क्षेत्र के गलवा गांव में खेत में काम कर रहे पिता-पुत्री पर रविवार को बिजली का तार काल बनकर गिरा. सिर पर हाईटेंशन तार गिरने से दोनों की करंट से झुलसकर मौके पर (Father and daughter die due to electrocution in Bhilwara) ही मौत हो गई. घटना में खेत में मौजूद मृत युवक का पिता भी झुलस गया. जानकारी पर स्थानीय भाजपा नेता और ग्रामीण भी अस्पताल में जुटे और मुआवजे की मांग को लेकर शव अस्पताल में ही रखकर 6 घंटे तक प्रदर्शन किया. बाद में पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश कर मामला शांत कराया औऱ शवों को अंतिम संस्कार के लिए भेजवाया.
रायपुर थाना क्षेत्र के गलवा गांव में 11 हजार केवी लाइन का तार टूटकर गिरने से खेत पर काम कर रहे पिता-पुत्री की जान चली गई जबकि हादसे में मृतक के पिता भी झुलस गए. बताया जा रहा है कि गलवा निवासी नारायण लाल गुर्जर अपने खेत पर काम कर रहा था सभी बेंगलुरु जाने से पहले पिता से मिलने के लिए उसका 24 वर्षीय पुत्र जगदीश गुर्जर व 3 वर्षीय बच्ची किरण भी खेत पर पहुंच गए. वे खेत पर काम कर रहे पिता का सहयोग करने लगे थे कि अचानक 11 हजार केवी लाइन का तार टूटकर उनपर आ गिरा. नारायण गुर्जर उन्हें बचाने पहुंचा तो वह भी करंट की चपेट में आ गया और तीनों बेसुध हो गए.
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पड़ोस में खेत पर काम कर रहे लोगों ने देखा तो भागकर मौके पर पहुंचे और तीनों को गंगापुर अस्पताल ले गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने पिता-पुत्री को मृत घोषित कर दिया जबकि नारायण का उपचार शुरू कर दिया. दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. नारायण के भाजपा से जुड़े होने कारण घटना की जानकारी पर कई स्थानीय नेता भी अस्पताल पहुंच गए और मुआवजा औऱ दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे. एंबुलेंस में दोनों शव रखे थे लेकिन 6 घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा. बाद में पुलिस के आला अधिकारियों ने पहुंचकर समझाइश की तो दोनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया.
करंट लगने से पिता-पुत्री की मौत अधिकारियों की नजर आई संवेदनहीनता
गलवा गांव में पिता-पुत्री की करंट से मौत पर गंगापुर अस्पताल के अफसरों की संवेदनहीनता साफ तौर पर देखने को मिली. 6 घंटे तक गंगापुर अस्पताल में दोनों पिता-पुत्री के शव उठाने को लेकर गतिरोध बना रहा लेकिन प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचे. रायपुर थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहाड़ा गोरर्धन लाल खटीक, डीएसपी गोपीचंद मीणा पौने पांच बजे अस्पताल पहुंचे और जनप्रतिनिधियों से समझाइश कर मामला शांत कराया और दोनों शवों को दाह संस्कार के लिए भेजवाया.