भरतपुर. जिले के डीग क्षेत्र के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वतीय क्षेत्र में से अभी तक क्रेशर नहीं हटाई गई है. इसको लेकर एक बार फिर साधु संतों ने प्रशासन को चेतावनी दी है. संतों का कहना है कि क्षेत्र में अभी तक क्रेशर लगी हुई है, जिनकी वजह से पर्वतीय क्षेत्र में चोरी छुपे खनन (Illegal mining in Bharatpur) जारी है. यदि जल्द ही यह क्रेशर नहीं हटाई गई तो साधु-संतों को कड़ा कदम उठाना पड़ेगा. हालांकि, फिलहाल संतों ने एक दिसंबर तक आंदोलन (Movement of saints in Bharatpur) को स्थगित कर दिया है लेकिन क्रेशर नहीं हटाने पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है.
उधर, गुरुवार सुबह से ही साधु संतों के आगमन की सूचना पर पसोपा में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. राधाकांत शास्त्री ने बताया कि सरकार से समझौता होने के बाद भी अभी तक पर्वतीय क्षेत्र से क्रेशरों को नहीं हटाया गया है. इससे क्षेत्र में अभी भी अवैध खनन हो रहा है. राधाकांत शास्त्री ने बताया कि प्रशासन और सरकार के खिलाफ गुरुवार को सभी साधु संतों का पसोपा जाने का कार्यक्रम था, लेकिन आदिबद्री धाम में भागवत कथा शुरू हुई है, जिसकी वजह से साधु संतों का आंदोलन 1 दिसंबर तक स्थगित कर दिया गया है.
कड़ा कदम उठाएंगे- आदिबद्री धाम और कनकांचल में से क्रेशर नहीं हटाने पर बाबा नारायणदास ने फिर से आत्मदाह की चेतावनी दे दी थी, जिसके बाद बुधवार को साधु संत और क्रेशर संचालकों की जिला प्रशासन ने संयुक्त बैठक बुलाई. बैठक में भी साधु संत प्रशासन के तर्कों से सहमत नहीं हुए और बैठक का बहिष्कार कर चले गए. अब संतों ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द क्रेशर नहीं हटाई गई तो बाबा विजयदास का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और कड़ा कदम उठाया जाएगा.