भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में बुधवार को तृतीय दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 6 मानद उपाधि और 52 मेडल प्रदान किए. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में इतिहास और कला से जुड़े विषयों पर शोध कार्य को प्रोत्साहन मिलना चाहिए. यहां शोध और अनुसंधान की संस्कृति का विस्तार हो ऐसी आशा है. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को समय के अनुसार उपयोगी बनाने की भी जरूरत है. विश्वविद्यालय अध्ययन, अध्यापन के साथ ही विद्यार्थियों के कौशल विकास को केंद्र में रखकर काम करे.
दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि मुझे महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से आशा है कि यहां पर शोध और अनुसंधान की संस्कृति का विस्तार हो. यहां इतिहास और कला से जुड़े विषयों पर शोध को प्रोत्साहन मिले, जिससे विद्यार्थी अपने पुरातन वैभव को सहेजकर आधुनिक दृष्टि से उसका उपयोग करने में सक्षम हो सकें. बृज विश्वविद्यालय अध्ययन, अध्यापन के साथ ही विद्यार्थियों के कौशल विकास को भी केंद्र में रखकर काम करे. नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं, जैसे विद्यार्थी नया सीखकर खुद को व्यवसायिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर हो सकें.
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राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा भले ही पूर्ण हो जाए लेकिन सीखने की कोई सीमा नहीं है. सीखना ही शिक्षा का विज्ञान है. इसी से जीवन का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है. किसी भी उन्नत राष्ट्र के निर्माण में वहां के विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शिक्षा के जरिए ज्ञान का प्रसार होता है. लेकिन अनुसंधान नए ज्ञान का सृजन करता है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय एक ऐसा शिक्षा मॉडल विकसित करें जिससे ना केवल विद्यार्थियों का मस्तिष्क विकसित हो बल्कि उनमें सकारात्मक मानसिकता भी बन सके.