बाड़मेर. प्रदेश में ओरण गोचर भूमि का चिन्हीकरण कर उनका संरक्षण करने का काम राजस्व विभाग की ओर से किया जायेगा. इस संबंध में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Revenue Minister Harish Choudhary) गुरुवार को अपने कार्यालय में राजस्व विभाग (Revenue Department) के अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये.
बैठक में राजस्व मंत्री ने कहा कि सदियों पहले से हमारे यहां गांवों में ओरण के रूप में विकास का परंपरागत टिकाऊ मॉडल था, जो यहां की संस्कृति, रीति नीति पर आधारित था. लेकिन कुछ कारणवश ध्यान नहीं दिये जाने से ओरण-गोचर जमीन बंजर हो रही है. इस जमीन का उपयोग होने से पलायन रूकेगा, आजीविका के अवसर मिलेंगे, बहु जैव विविधता का संरक्षण होगा, अकाल-सूखे के प्रभाव को कम करेगा.
उन्होंने कहा कि ओरण भूमियों के संबंध में कई समस्याओं व सुझावों के संबंध में प्रदेश के पर्यावरणविदों एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगोें की ओर से अवगत करवाया गया है. राजस्व मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को राजस्व नियमों में ओरण भूमियों को स्पष्ट परिभाषित करने, कार्ययोजना बनाकर प्रदेश की ओरण भूमियों का सर्वे करवाकर उनका सीमांकन करने के साथ ही उन्हें ओरण भूमियों के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का कार्य किये जाने की बात कही. बैठक में ओरण भूमियों की सुरक्षा एवं अतिक्रमण से बचाने के लिए ग्राम स्तर से लेकर विभागीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर कार्य करने के संबंध में भी चर्चा की गई.