बाड़मेर.जिले में कोरोना संक्रमितों की अपेक्षा एचआरसीटी के बढ़ते मरीज बाड़मेर चिकित्सा प्रबंधन के बड़ी चिंता बने हुए हैं. अधिकतर एचआरसीटी के मरीजों के हालत गंभीर बने हुए हैं और इनमें श्वास की तकलीफ के साथ ऑक्सीजन लेवल भी कम पाया जा रहा है. बढ़ते संक्रमण के बीच जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत बढ़कर हुई प्रतिदिन 600 सिलेंडर वहीं, बालिका छात्रावास और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अतिरिक्त बेड लगाकर संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था की गई है. हालांकि बढ़ते मरीजों को देखते हुए ऑक्सीजन की खपत भी लगातार बढ़ती जा रही है और मेडिकल कॉलेज की ऑक्सीजन खपत बढ़कर प्रतिदिन 600 ऑक्सीजन सिलेंडर पर पहुंच गई है. जिला अस्पताल पीएमओं डॉ. बीएल मंसुरिया ने बताया कि बढ़ते संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को संख्या भी बढ़ती जा रही है. अभी करीब सवा तीन सौ मरीज भर्ती हैं.
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इसमें एचआरसीटी के मरीज भी शामिल हैं. साथ ही ऑक्सीजन की खपत बढ़कर प्रतिदिन 600 ऑक्सीजन सिलेंडर पर पहुंच गई है और अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट और जालीपा प्लांट से अस्पताल को प्रतिदिन 400 ऑक्सीजन सिलेंडर ही मिल रहे हैं. खपत के अनुसार ऑक्सीजन के लिए चिकित्सा प्रबंधन और प्रशासन जी जान से प्रयास कर रहा हैं. अस्पताल अधीक्षक के अनुसार अस्पताल में भर्ती मरीजों में 60 फीसदी मरीज काफी गंभीर हैं और गंभीर मरीजों को 24 घंटों में ढाई से 3 ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत सामने आ रही है.
गौरतलब है कि सामान्य दिनों में बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिदिन करीब 60 से 70 ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत रहती थी. जबकि अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 90 सिलेंडर की है. वर्तमान समय में ऑक्सीजन प्लांट अपनी क्षमता से कम उत्पादन देते हुए 70 सिलेंडर भी उत्पादित कर रहा है. ऐसे में बढ़ती ऑक्सीजन खपत के बीच बाड़मेर के जालीपा स्थित ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए जा रहे हैं. हालांकि इन दोनों प्लांट को मिलाकर जिला अस्पताल को प्रतिदिन 400 ऑक्सीजन सिलेंडर ही मिल रहे हैं. जबकि खपत प्रतिदिन 600 सिलेंडर की है. ऐसे में जिला प्रशासन खपत अनुसार ऑक्सीजन जुटा रहा है.