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VIDEO: महिला दिवस पर...विवाहिता को डायन बता...साढ़े 3 किलोमीटर तक दौड़ाकर बेल्ट से पीटा

बाड़मेर में एक महिला के साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह साढ़े किलोमीटर की दूरी तक लोगों के लिए तमाशा बन गया. तस्वीरें विचलित कर देने वाली हैं. लेकिन इस बीच किसी ने इसे रोकने की जहमत नहीं उठाई.

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Published : Mar 7, 2019, 7:43 PM IST

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बाड़मेर. कहने को तो आज हम 21वीं के दूसरे दशक में हैं. यह वह दौर है जब दुनिया में असंभव शब्द के नाम का अस्तित्व नहीं है. शिक्षा और तकनीकि के इस नए भारत में अब अंधविश्वास की बात करना बेमानी है. लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं. जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. एक बार फिर से 18 वीं सदी के भारत की याद आ जाती है.

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हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. एक महिला के साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह साढ़े किलोमीटर की दूरी तक लोगों के लिए तमाशा बन गया. तस्वीरें विचलित कर देने वाली हैं. लेकिन इस बीच किसी ने इसे रोकने की जहमत नहीं उठाई.


दरअसल यह घटना बाड़मेर के पचपदरा गांव की हैं. जहां बुधवार देर शाम एक महिला की जमकर पिटाई की गई. इतना ही नहीं उसे करीब साढ़े तीन किलोमीटर तक घसीटा गया. इस दौरान वह बुरी तरह जख्मी हो गई. इस घटना के पीछे का जो सच हैरान कर देने वाला है. महिला के परिजनों का मानना है कि उसमें भूतनी का वास है. जिसको भगाने के लिए उसकी पिटाई की गई है. तांत्रिक ने उन्हें बताया था कि भूतनी से छुटकारा पाने के लिए उन्हें एक उपाय करना होगा.


वहीं महिला का पति किसी की भी कीमत पर अपनी के पत्नी का भूतनी से पीछा छुड़ा के लिए तैयार था. तांत्रिक ने उसे बताया कि इसके लिए महिला को घूमर जूता और बेल्ट से मारते हुए कस्बे के अंतिम छोर तक ले जाना होगा. फिर क्या था पति तैयार हो गया. वह पत्नी को चप्पलों से मारते हुए करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर ले गया. इस दौरान कस्बे के लोग तमाशबीन बने देखते रहे. महिला दर्द से चिल्लाती रही. वह लोगों से मदद मांग कर रही थी. लेकिन किसी ने उस हैवान बने पति को रोकने की जहमत नहीं उठाई.


घटना की तस्वीरें विचलित कर देने वाली हैं. इसे देखकर ऐसा लगता है आज एक नए भारत करना बेमानी है. लोग आज भी अंधविश्वास के जाल से बाहर नहीं निकल पाए हैं. एक तांत्रिक समाज को किस प्रकार भ्रमित कर रहा है, तस्वीरें इस बात की गवाह हैं. एक महिला को किस तरह कस्बे के बीच से घसीटत और पीटते हुए बाहर ले जाया जाता है. इस इस दौरान जो लोग मूकदर्शक बने खड़े हैं वे सभी लोग धविश्वास को मानने वाले हैं.


फिलहाल जो भी हो भारतीय समाज में आज भी अंधविश्वास जड़ जमाए बैठा है. तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद लोग तांत्रिकों के जाल में फंस रहे हैं. हद तो इस बात की है तांत्रिक बाकायदा अपना विज्ञापन छपवाते हैं और लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. इस बात की जानकारी होने बावजूद प्रशासन उन पर कार्रवाई नहीं करता. अब देखना ये है कि इस घटना के बाद तांत्रित पर प्रशासन शिकंजा कसेगा या फिर वह किसी और परिवार को अपना निशाना बनाएगा.

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