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भक्ति पर भारी Corona: 352 साल के इतिहास में पहली बार बंद हुए जसोल धाम में माता भटियाणी के कपाट

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Published : Mar 22, 2020, 8:32 AM IST

कोरोना दुनियाभर में कहर बरपा रहा है तो वहीं भगवान भी इसके कहर से अछूते नहीं हैं. यही कारण है की 352 साल के इतिहास में पहली बार जसोल धाम में माता राणी भटियाणी के कपाट 31 मार्च तक बंद करने का निर्णय लिया गया है.

Bhatiyani Mata Temple Balotra Barmer
पहली बार बंद जसोल धाम

बालोतरा (बाड़मेर). इन दिनों दुनियाभर में कोरोना वायरस को लेकर भय का माहौल है. इसके संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरा प्रयास कर रही है. वहीं, बात करें राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर के बालोतरा की तो यहां लाखों भक्तों की आस्था के केंद्र जसोल धाम स्तिथ माता राणी भटियाणी के दर्शन शनिवार शाम आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए. राजस्थान सहित देश के बड़े मंदिरों में शुमार माता राणी भटीयाणी मंदिर के 352 साल के इतिहास में संभवतः ऐसी स्थिति पहली बार बनी है. जब यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया है.

पहली बार बंद जसोल धाम

बता दें कि माता राणी भटियाणी के दर्शनार्थ हर महीने हजारों की संख्या में देश के प्रत्येक हिस्से से लोग पहुंचते हैं. जगविख्यात कलयुग की आस्था केंद्र माता राणी भटियाणी मंदिर प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए श्रद्धालुओं के लिए 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है. शनिवार को मंदिर समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.

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पहले भी इस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब 31 मार्च तक इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया हैं. इस दौरान मंदिर के अंदर सिर्फ पुजारी ही रहेंगे जो अभिषेक, आरती और नियमित पूजा करेंगे. यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया है. गौरतलब है कि जसोल में माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं.

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