बालोतरा (बाड़मेर).पंचायती राज चुनाव में राजनीतिक दबाव के चलते मतदाताओं की सूचियों में धांधली को लेकर ग्रामीणों के विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. गांव में दशकों से निवास कर रहे लोगों के नाम दूसरी ग्राम पंचायत में जोड़ दिए गए हैं. कई ग्राम पंचायतों में ऐसे मतदाताओं के नाम भी शामिल है, जिनके वोट विपक्ष में पड़ने की आशंका से उनके नाम ही कटवा दिए गए है. मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोड़ने और काटने की हुई इस प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीण अब प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काटकर वास्तविक मतदाताओं को यथावत रखने की मांग कर रहे हैं.
मतदाता सूचियों में संशोधन, नाम परिवर्तन सहित अन्य कार्य जो बीएलओ के जिम्मे थे, उन्हें पता ही नहीं यह गड़बड़ी कहां हुई. यहां तक कि बीएलओ बातचीत में स्वीकार कर रहे हैं कि राजनीतिक दबाव के चलते नाम इधर-उधर हो गए हैं. अब कुछ नहीं हो सकता है, आगामी एमएलए और एमपी चुनाव में ही यह संशोधन होगा. ऐसे में राजनीति दबाव के चलते हुए चुनाव प्रणाली को प्रभावित किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने आस-पास की ग्राम पंचायतों की मतदाताओं सूची जांच की और ग्रामीणों से मिले तो कई बाते सामने आई है.
ग्राम पंचायत रामसीन...
रामसीन ग्राम पंचायत शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां की मतदाता सूची में ऐसे लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं, जो शायद कभी इस गांव को देखा भी नहीं होगा. बालोतरा शहर के अलग-अलग वार्डों के निवासी जिनके नाम ग्राम पंचायत रामसीन में जोड़े गए हैं. गड़बड़ी इस कदर है कि बालोतरा के वार्ड सं. 18 निवासी युसुफ पुत्र गफूर खां, नूरजहां पुत्र युसुफ खां, इमरान खां पुत्र सफी मोहम्मद, फिरोज खां पुत्र मोहम्मद युसुफ, सलीम खां पुत्र युसुफ, युनुस मोहम्मद पुत्र सफी मोहम्मद, वार्ड सं. 14 के शाहरुख खां पुत्र बाबू खां, जाहिर हुसैन पुत्र बाबू खां के नाम पंचायत रामसीन में है. इनका न तो वहां निवास है, ना ही वहां से कोई ताल्लुकात है. इसको लेकर ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी के प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया है.