बांसवाड़ा.शहरवासियों को पिकनिक स्पॉट के रूप में एक और सौगात मिलने जा रही है. गौरीशंकर उपाध्याय पार्क के बाद नगर परिषद शहर के प्रमुख तालाबों को नया रूप देने का काम हाथ में ले रही है. यह काम चरणबद्ध तरीके से होग. पहले चरण में डायलॉब तालाब को डेवलप किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट पर परिषद ने काम भी शुरू कर दिया है. फिलहाल जलकुंभी ने डायलॉब को पूरी तरह से अपनी जकड़न में ले रखा है, जिसे हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके बाद राज तालाब के सौंदर्यीकरण को हाथ में लिया जाएगा.
दोनों ही तालाब अति प्राचीन और ऐतिहासिक है. जयपुर मार्ग से आने पर डायलॉब शहर में एंट्री होती है, जो कि अमूमन पानी से लबालब रहता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से देखरेख के अभाव में इसकी हालत बदतर हो चुकी है. जहां जलकुंभी ने तालाब को अपनी जकड़ में ले लिया. वहीं घाट आदि भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और जलकुंभी के कारण दुर्गंध बनी रहती है. इसके चलते कुछ वर्षों पहले सुबह और शाम लोगों की जो चहल-पहल बनी रहती थी, जो एक प्रकार से खत्म हो चुकी है.
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कुछ ऐसे ही हालात राज तालाब का भी है. नगर परिषद के गत बोर्ड द्वारा भी इनकी सफाई पर लाखों रुपए खर्च किए, परंतु नतीजा ढाक के तीन पात वाला रहा. जैसे ही जलकुंभी हटाने का काम बंद किया गया, तेजी से इसने तालाब को फिर से अपनी जकड़न में ले लिया. पता चला है कि पिछले 4 साल में अकेले इस तालाब पर ही करीब 36 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं.