बांसवाड़ा. सूरत से पैदल ही उत्तर प्रदेश के कानपुर जा रहे 10 युवाओं के लिए बांसवाड़ा पुलिस मददगार बनकर उभरी. करीब 8 दिन से भीषण गर्मी में लगातार पैदल चलने के कारण इन मजदूरों का स्वास्थ्य जवाब दे गया था. वहीं खाने को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के कारण इनकी स्थिति और भी बदतर हो गई थी. चेक पोस्ट पर ड्यूटी दे रहे पुलिस जवानों ने जब उनकी स्थिति देखी तो उनका दिल पसीज गया और तत्काल उच्चाधिकारियों के सामने मामला लाने के साथ उनके खाने-पीने और विश्राम की व्यवस्था की गई.
मेडिकल टेस्टिंग के बाद जब इनकी रवानगी की बात सामने आई तो पुलिस ने आर्थिक सहयोग देते हुए गांव के भामाशाह की भी मदद ली और सभी मजदूरों को एक वाहन के जरिए आगरा भरतपुर बॉर्डर के लिए रवाना किया गया.
मजदूरों का दर्द देख छलकी पुलिस की आंखे
पुलिस और गांव के लोगों का यह सहयोग पाकर इन मजदूरों की आंखें छल छला उठी. क्योंकि लगातार 1 सप्ताह से अधिक समय से पैदल चल रहे थे, लेकिन रास्ते में किसी भी व्यक्ति को उनकी दयनीय हालत पर तरस नहीं आया.
आज दोपहर बाद सेना बादशाह स्थित चेक पोस्ट पर 18 से लेकर 25 साल के 10 युवाओं के समूह को निकलते देखा तो चौकी प्रभारी हेड कांस्टेबल लेखराम ने उनसे पूछताछ की तो सामने आया कि रुपये नहीं होने के कारण वह पैदल ही कानपुर जा रहे हैं.
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चौंकाने वाली बात यह थी कि इतना लंबा सफर करने के बावजूद रास्ते में कहीं पर भी इनकी स्क्रीनिंग और मेडिकल जांच तक नहीं की गई. जबकि रास्ते में राजस्थान गुजरात बॉर्डर पर बकायदा चेक पोस्ट कायम है.