अलवर.जिले में ऑक्सीजन की कमी के कारण इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत हो गई. राहुल के परिजनों ने सरकारी सिस्टम और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले में FIR दर्ज कराई. इस मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए परिजन कई दिनों तक अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद पूरा परिवार शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गया, जो अब भी जारी है.
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बता दें, पीड़ित परिवार के धरना को आम लोग और सामाजिक संस्थाएं आगे आकर पूरा सहयोग दे रही है. भाजपा के नेता, विधायक और सांसद सभी परिवार के पास पहुंचकर अपना समर्थन दे रहे हैं. श्रम मंत्री टीकाराम जूली शुरुआत में परिजन से मिलने गए. जूली ने कहा कि भाजपा के नेताओं को फोटो खिंचवाने का शौक है, इसलिए वो धरना स्थल पर पहुंचे. साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार प्रशासन व सरकार से पूछकर धरने पर नहीं बैठा है. टीकाराम जूली के इस बयान का ज्ञानदेव आहूजा ने पलटवार किया.
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि जब सरकार और प्रशासन से न्याय नहीं मिलेगा तो पीड़ित क्या करेगा. उन्होंने टीकाराम जूली से सवाल पूछते हुए कहा कि वे प्रदेश के श्रम मंत्री हैं, उनको जिले के निजी अस्पताल व सरकारी अस्पतालों की जानकारी भी नहीं होगी. अभी फोन करके सबके सामने कोई भी पूछ सकता है.
उन्होंने कहा कि ज्ञानदेव आहूजा को फोटो खिंचवाने का शौक नहीं है, उन्होंने बहुत काम किया है. उस परिवार से उनका संवेदना और लगाव था, इसलिए उस परिवार से मिलने गए एक छोटी बच्ची अपनी मां, दादी, बाबा के साथ धरने पर बैठी है. प्रशासन उनकी समस्या सुनने की जगह उल्टा गलत तरह की बयानबाजी कर रहा है.
आहूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस जगह पर वे धरने पर बैठे हैं, वहां की बिजली सप्लाई काट दी जाती है. अधिकारियों के मोबाइल फोन बंद रहते हैं. ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वो सब लोगों की बात सुनें. टीकाराम जूली इस समय सरकार के हिस्सा हैं, उनको लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. पीड़ित को जब न्याय नहीं मिलेगा तो वो क्या करेगा.
वसुंधरा राजे व जितेंद्र सिंह को करनी चाहिए मदद
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पीड़ित परिवार से बात की. उस समय उनको पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को भी आगे आकर परिवार को आर्थिक सहायता देनी चाहिए. अगर सभी विधायक एक-एक लाख रुपए पीड़ित परिवार को दें तो मैं भी एक लाख रुपए देने के लिए तैयार हूं. हालांकि मैं अभी विधायक नहीं हूं, लेकिन उसके बाद भी मैं परिवार की मदद करूंगा. उन्होंने कहा कि वैसे अभी परिवार को 51 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दूंगा.