अलवर. जिला में अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा खनन विभाग के उच्च अधिकारी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं. अलवर से खनन विभाग की विजिलेंस टीम को हटा दिया गया था. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया (Illegal mining in Alwar). जिसके बाद प्रशासन और सरकार हरकत में आई. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर सामने आया. खनन विभाग के आला अधिकारियों ने विजिलेंस टीम को वापस अलवर लगा दिया है. साथ ही एक संयुक्त टीम बनाई गई है, जो अलवर सहित प्रदेश के 7 जिलों में लगातार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही (Vigilance team re established in Alwar) है.
अलवर में अवैध खनन रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी कई बार सरकार को निर्देश दे चुके हैं लेकिन उसके बाद भी अवैध खनन का सिलसिला बदस्तूर जारी है. अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा खनन विभाग के अधिकारी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं. 3 दिसंबर को सरकार ने खनन विभाग की अलवर की विजलेंस टीम को जयपुर बुला लिया था. जिससे जिले में अवैध खनन पर कार्रवाई का संकट खड़ा हो गया था. जिसके बाद अवैध खनन को खुली छूट मिल गई.
अलवर जिले के टहला, रामगढ़, थानागाजी, राजगढ़ क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन होने लगा व सबसे ज्यादा शिकायतें टहला व रामगढ़ क्षेत्र से आने लगी. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया. खबर प्रकाशित होने के बाद खनन विभाग व सरकार हरकत में आई और राज्य सरकार ने खनन विभाग की विजलेंस टीम को कार्रवाई के लिए वापस अलवर भेजने का निर्णय किया. इसके अलावा एक स्पेशल टीम बनाई गई है. जो अलवर, दौसा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, टोंक, सीकर, झुंझुनू सहित सात जिलों में लगातार अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
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