अलवर. आम इंसानों की तरह वन्य जीव भी कभी-कभी मेंटल स्ट्रेस की समस्या से परेशान रहते हैं. ऐसे में अब बाघों में होने वाले स्ट्रेस का भी अब पता लगाया जा सकेगा. अलवर सहित देश भर के टाइगर रिजर्व से बाघों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं. इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है. डीएनए रिपोर्ट में बाघों के कुनबे के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिल सकेगी. बाघ कितने स्ट्रेस में है इसका पता चलने पर उन्हें इस परेशानी से निकालने के लिए उपाय किए जाएंगे.
जिले के सरिस्का में इस समय 10 बाघिन, 7 बाघ व 6 शावक हैं. अन्य जानवरों की तुलना में बाघों का कुनबा धीरे बढ़ता है. इसके अलावा बाघों में स्ट्रेस की परेशानी भी देखने को मिलती है. पहले की तुलना में बाघ शिकार कम करते हैं. इसके अलावा बाघों के जीवन में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलते रहते हैं. बाघों में होने वाले बदलाव को देखते हुए एनटीसीए ने देश के सभी बाघों का डीएनए सैंपल लिया था. अलवर के सरिस्का से भी डीएनए सैंपल लिए गए थे.