बहरोड़(अलवर).जिले के बहरोड़ थाने से फरार विक्रम उर्फ पपला मामले में शनिवार को 8 दिन बीत जाने के बाद भी पपला पुलिस गिरफ्त से बाहर है. बता दें कि विक्रम उर्फ पपला को पकड़ने के लिए चार राज्यो की पुलिस लगी हुई है लेकिन 8 दिन बाद भी पपला का कोई सुराग नही लग पाया है.
8 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली एसओजी और एटीएस ने कार्रवाई करते हुए अभी तक 12 लोगो को गिरफ्तार कर लिया है. जिन्होंने विक्रम उर्फ पपला के भगाने के सहयोग किया था. जिनमें से दो बदमाशों ने बहरोड़ थाने में पपला को छुड़ाने के दौरान एके-47 से फायरिंग की थी. बाकी 10 आरोपियों ने पपला फरारी मामले में उसका सहयोग किया था. ़
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बता दें की 6 सितंबर की सुबह 3 बजे विक्रम उर्फ पपला को 31 लाख 90 हजार की राशि के साथ बहरोड़ पुलिस ने गस्त के दौरान पकड़ा था. इस दौरान विनोद स्वामी निवासी जखराना सरपंच व कैलाश गुर्जर ने पपला को छुड़ाने के लिए बहरोड़ थाने के हेडकांस्टेबल विजयपाल व रामावतार से संपर्क कर उसको थाने से छुड़ाने के लिए रिस्वत देने के डील की थी लेकिन मामला सेट नहीं होने के कारण इशारा मिलते ही विक्रम उर्फ पपला के साथियों ने बहरोड़ थाने पर हमला कर हवालात में बंद विक्रम पपला को छुड़ाकर ले गए थे.
इस मामले में DGP की ओर से दोनों हेडकोंस्टेबलों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था जबकि थाना प्रभारी सुगन सिंह , हेडकांस्टेबल सुनील व संतरी कृष्ण को निलंबित और पूरे थाने लाइन हाजिर कर दिया था. सरकार ने पूरे मामले को एसओजी व एटीएस को सौंपा है. एसओरजी की देखरेख में है. विक्रम उर्फ पपला को पकड़ने के लिए चार राज्यों की पुलिस लगी हुई है लेकिन 8 दिन बाद भी पपला का कोई सुराग नहीं लग पाया है.