अजमेर. हर साल शहरवासियों को ठंड से बचाने वाले तिब्बती व्यापारियों का गर्म कपड़ों का बाजार सज जाता था. कोरोना वायरस की वजह से इस बार ये व्यापारी जो कि अलग अगल शहरों में जाकर व्यापार करते थे, नहीं आ पा रहे हैं. यही वजह कि हर साल जो बाजार वूलन कपड़ों से गुलजार हुआ करते थे, इस साल अब यहां सिर्फ सन्नाटा पसरा नजर आता है. ना तो यहां ज्यादा व्यापारी दिख रहे हैं और न हीं ग्राहकों की भीड़ रहती है.
इन दिनों तिब्बती मार्केट में सन्नाटा पसरा रहता शाम 7 बजे ही बाजार बंद होकर कर्फ्यू लग जाता है अब ऐसे में शहरवासी ना के बराबर ही बाहर निकल रहे हैं शादियों का सीजन तो है पर कोरोना के बढ़ते आंकड़ो ने लोगों की संख्या बहुत ही सीमित कर दी है इसलिए इस बार तिब्बती शरणार्थियों ने अपनी दुकानें नहीं लगाई है वहीं अन्य दुकानदारों की संख्या भी सोशल डिस्टेंसिंग के कारण दूर-दूर लगने से कम ही है इस बार तो खाने व बिजली का खर्चा भी बमुश्किल ही निकल पाएगा ऐसा दुकानदारों को लग रहा है, दुकानदारों ने कहा कि हर साल के मुकाबले काफी कम माल लाया गया है देखें ऐसा लगता है कि वह माल भी नहीं निकल पाएगा.
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पहली बार ऐसा हुआ है जब तिब्बती वूलन मार्केट जहां चारों और तिब्बतियों से भरा हुआ रहता था इस बार खाली नजर आ रहा है. आसपास के राज्यों से आने वाले वूलन मार्केट संचालकों ने बताया कि उन्हें इस बार कोरोना वायरस की वजह से इस बार स्वीकृति नहीं दी गई है. लोकल लोगों को वूलन के कपड़े बेचने की अनुमति दी गई है. उन्होंने बताया कि गोले मार्केट में लगभग 35 से 40 दुकाने संचालित होती थी लेकिन इस बार केवल मात्र 20 से 22 दुकानें ही संचालित हो रही है जिन्हें लोकल दुकानदार चला रहे हैं.
इस साल नहीं दिख रही तिब्बती WOOLEN मार्केट की रौनक कम दामों में बिक रहा माल-
वूलन मार्केट संचालकों की मानें तो उन्हें कपड़ों के फिक्स दाम भी नहीं मिल पा रहे हैं जो ग्राहक वूलन मार्केट में आ रहे हैं उनके द्वारा भी मोलभाव किया जाता है. ऐसे में काफी कम दामों में उनके माल की बिक्री हो रही है उन्होंने कहा कि लाखों रुपए का माल उनके द्वारा लाया गया था लेकिन अब उन्हें कम दामों में बेचना पड़ रहा है. कम दामों बेचने की वजह से मुनाफा की बजाय नुकसान हो रहा है.