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ब्यावर में कोरोना को लेकर ग्रामीण कितने सतर्क, देखें- SPECIAL REPORT

कोरोना लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पैर पसारता नजर आ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों मे बढ़ती प्रवासियों की संख्या क्षेत्रीय ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनती जा रही है, लेकिन कोरोना के खौफ में जीने वाले ग्रामीणों ने भी अब इससे लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. ग्रामीण योद्वा की इस जंग को देखने ईटीवी भारत की टीम ब्यावर विधानसभा की ब्यावर खास ग्राम पंचायत पहुंची. जहां ग्रामीणों ने अपने स्तर पर सावधानी बरतकर कोरोना से लड़ने की बात कही.

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Published : Jun 7, 2020, 10:18 PM IST

अजमेर न्यूज, ajmer news, ब्यावर उपखंड न्यूज
ब्यावर में ग्रामीण कोरोना को लेकर कितना सतर्क

ब्यावर (अजमेर).कोरोना महामारी का खौफ हर जगह व्याप्त है. कोरोना की इस जंग में मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. खासकर ग्रामीणों में सावधानी और इम्यूनिटी को लेकर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, लेकिन बिगड़ते हालातों के बीच में ग्रामीण क्षेत्र भी कोरोना से अछूते नहीं हैं. ऐसे में ग्रामीण अपने स्तर पर कोरोना के खिलाफ अपनी जंग को छेड़ दी है.

ब्यावर में ग्रामीण कोरोना को लेकर कितना सतर्क

हल चलाने वाले किसान ने कोरोना की समस्या का हल खुद निकाल लिया है. सावधानी का हथियार हाथ में लिए किसान अब खुद कोरोना से लड़ने को तैयार हो गया है. ग्रामीणों की इसी हकीकत को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ब्यावर खास ग्राम पंचायत पहुंची. जहां कुछ ग्रामीणों की सतर्कता कोरोना के खिलाफ तैयारी का अहसास करवा रही थी.

मास्क के बिना रुपए देने से इंकार

ईटीवी भारत की टीम गांव के ई-मित्र सेंटर पहुंची जहां देखा गया कि ई-मित्र संचालक द्वारा फिंगर प्रिंट स्क्रीनर तक को सावधानी से प्रयोग में लिया जा रहा था. संचालक द्वारा सिंगल विंडो के जरिये उपभोक्ताओं को हैंडल किया गया. यहां तक की मास्क के बिना रुपए देने से इंकार करते हुए संचालक ने मास्क अनिवार्य होने की बात भी कही.

पॉजिटिव मरीज के परिजन सतर्क

गांव के ही समीप 1 किलोमीटर दूर रहमान खेडा में एक लड़की पाॅजिटिव निकली. जिसके बाद टीम मरीज के घर पहुंची. जहां मरीज के परिजनों से बात की गई. परिजनों ने बताया कि वो पूर्ण रूप से नियमों की पालना कर रहे है और उनका परिवार अवधि पूर्ण होने तक घर से बाहर नहीं निकलेगा.

कोरोना को लेकर जरूरी एहतियात बरत रहे हैं ग्रामीण

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गांव में जहां सावधानी नजर आई तो कुछ स्थानों पर लापरवाही भी दिखाई दी. समूह में बैठे कुछ युवा और बच्चे कोरोना से बेखौफ नजर आए. कुछ चेहरों पर ना तो मास्क नजर आया और ना ही सामाजिक दूरी नजर आई. इस बीच कच्ची मटकियों को पकाने वाले परिवार में कोरोना को लेकर डर भी देखा गया. उनका मानना था कि कोरोना ने आर्थिक कमर को तोड़ दिया है, जिसका प्रभाव उनके परिवार पर भी पड़ा है.

सावधानी को लेकर दिया जा रहा जोर

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उधर, गांव की ही एक महिला अंजु देवी जो कि ग्रामीणों के लिए निःशुल्क मास्क तैयार कर रही है. अंजू देवी ने बताया कि परिवार के साथ मिलकर वो करीब 500 मास्क अब तक ग्रामीणों को निःशुल्क वितरित कर चुकी हैं. इसके अलावा गांव के ही कुछ युवाओं ने मिलकर अभी भी जरूरतमंदों का सहारा बनकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रखी है. कुछ अच्छा करते हैं नाम से युवाओं की टीम अभी भी जरुरतमंदों को आवश्यक होने पर भोजन उपलब्ध करवा रही है.

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