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अजमेर दरगाह पर प्रसाद ले जाने की पाबंदी को लेकर गहलोत सरकार से संशोधन की मांग - अनलॉक 4.0

राजस्थान में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है. जिसके तहत अजमेर दरगाह और ब्रह्मा मंदिर भी दर्शन के लिए खुल चुके हैं, लेकिन प्रसाद और चढ़ावे की मनाही के बाद अजमेर दरगाह कमेटी सदर और खादिम व अंजुमन ने इस पाबंदी पर संशोधन करने की मांग की है.

अजमेर दरगाह, Ajmer news
प्रसाद ले जाने की पाबंदी हटाने की मांग

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Published : Sep 7, 2020, 1:45 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 2:01 PM IST

अजमेर.प्रदेश सहित जिले में में कोरोना संक्रमण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ अजमेर में 4699 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं राजस्थान में अब तक कोरोना के 91 हजार 678 केस सामने आ चुके हैं. ऐसे में गहलोत सरकार ने धार्मिक स्थानों को खोलने का एलान तो कर दिया है, लेकिन धार्मिक स्थलों पर प्रसाद ले जाने की पाबंदी रहेगी.

प्रसाद ले जाने की पाबंदी हटाने की मांग

सरकार कोरोना मामले रोकने के इस 'खास' फॉर्मूले का प्रयोग कर रही है. राजस्थान सरकार ने अजमेर शरीफ दरगाह को आज यानी सोमवार से आमजनों के लिए खोल दिया है. जबकि श्रद्धालु हो या जायरीन, वे किसी भी तरह का प्रसाद नहीं ले जा पाएंगे. सरकार के धार्मिक स्थल खोलने से एक तरफ जायरीन खुश हो रहे हैं, लेकिन अब धार्मिक रस्मों पर पाबंदी से राजस्थान की आवाम से नाराजगी का सामना भी करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें.जायरीनों के लिए खुली अजमेर शरीफ दरगाह, ब्रह्मा मंदिर में भी आज से श्रद्धालु लगा सकेंगे धोक

वहीं, अजमेर दरगाह कमेटी सदर और खादिम व अंजुमन ने सीएम गहलोत के धार्मिक रस्मों की रिवायतों पर लगाई गई पाबंदी पर संशोधन करने की बात कही है. धार्मिक सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह हो या ब्रह्मा मंदिर पुष्कर पर फूल-चादर और प्रसाद के लिए मिठाई लेकर जाने की पाबंदी है. इन पर पाबंदी से जायरीन में चर्चा काफी है.

Last Updated : Sep 7, 2020, 2:01 PM IST

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