उदयपुर. अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार को राजस्थान आशा सहयोगिनी संघ के नेतृत्व में उदयपुर जिला कलेक्टर को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. वहीं ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश में आशा सहयोगिनिओं को साल 2004 से 2 विभागों में वर्तमान समय में कम मानदेय में कार्यरत हैं, जो न्यूनतम मजदूरी से भी काफी कम है, इसके साथ ही आशा सहयोगिनी ने बताया कि हम पिछले कई वर्षों से अपनी समस्याओं को लेकर सरकार से अवगत करा रहे हैं, ताकि जिसमें हमारी प्रमुख मांगे स्थायीकरण किया जाए, अन्यथा मानदेय बढ़ाकर न्यूनतम मजदूरी दी जाए. वहीं इसी के साथ अनुभव और योग्यता के आधार पर यह नाम में सीधा समायोजन किया जाए.
उदयपुर: आशा सहयोगिनी ने सरकार से की मांग, वादा करके पूरा मानदेय बढ़ाएं - आशा सहयोगिनी ने मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा
उदयपुर में आशा सहयोगिनी ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. वहीं ज्ञापन देकर बताया कि प्रदेश में आशा सहयोगिनिओं को साल 2004 से 2 विभागों में वर्तमान समय में कम मानदेय में कार्यरत हैं, जो न्यूनतम मजदूरी से भी काफी कम है. उन्होंने कहा कि मानदेय बढ़ाकर हमारी न्यूनतम मजदूरी दी जाए.
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उन्होंने कहा कि हमारी मांगों पर ध्यान देकर घोषणा पत्र में किए गए वादों को सरकार पूरा करें, और लाभार्थियों को लाभान्वित कराए, जिससे हम हमारे परिवार का भरण पोषण कर सके. वहीं आशा सहयोगिनी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा सरकार ने जिन वादों को लेकर सरकार में घोषणा की थी, उन्हें अमल में लाना चाहिए. जिससे हम आशा सहयोगिनी को भी लाभ पहुंचा सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले दिनों में धरना भी दिया जाएगा. बता देंगे कि जयपुर में भी पिछले दिनों आशा सहयोगिनी की ओर से भूख हड़ताल पर बैठी और प्रदर्शन भी की, जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस में जमकर बहस हुआ. वहीं, अब देखना होगा कि सरकार अपने इस बजट के पिटारे में इन आशा सहयोगिनी को क्या सौगात देती है.