श्रीगंगानगर.जिले में क्वॉरेंटाइन सेंटर की टीम ड्यूटी के दौरान सामाजिक सरोकार भी निभा रही है. टीम के प्रभारी डॉक्टर मुकेश मेहता ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वह काम किया है, जिसके लिए 2 परिवारों के सदस्य पिछले 8 महीने से लगे हुए थे.
तमिलनाडु के कृष्णा को उसके परिवार से मिलवाया दरअसल, टीम के प्रयास से क्वॉरेंटाइन सेंटर में आए बिहार के भभुआ जिले के अरमान और तमिलनाडु के कृष्णनन के घरवालों को ढूंढ निकाला है. सेंटर की टीम के 5 योद्धाओं ने वाकई में कोरोना के इस संकट काल में मानवीयता की मिसाल कायम की है. अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश मेहता के नेतृत्व में दिन-रात लगी इस टीम ने आखिर अरमान और कृष्णनन के घर भेजने का रास्ता निकाल ही लिया है. इन दोनों को कोरोना के चलते पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया था, ताकि स्वास्थ्य जांच हो सके.
अरमान और कृष्णन के बाहरी राज्य के होने के कारणों से स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद क्वॉरेंटाइन कर दिया, लेकिन भाषा और मानसिक बीमारी के कारण जानकारी नहीं मिली, कि अरमान और कृष्णनन कहां के हैं और यहां कैसे पहुंचे. तभी टीम के सदस्यों ने योजना बनाई कि अरमान के परिजनों का पता लगाया जाए. फिर क्या था आईटी एक्सपर्ट होमगार्ड जवान रवि ने इंटरनेट से जानकारी जुटानी शुरू कर दी.
पढ़ेंःडूंगरपुरः लॉकडाउन में मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही मनरेगा योजना, 2.36 लाख लोगों को मिला रोजगार
टीम में शामिल अतिरिक्त चिकित्सा अधिकारी मुकेश मेहता, डॉक्टर एनपी सिंह, राजेंद्र शर्मा नर्सिंगकर्मी, होमगार्ड रवि और डॉ. विजय के लगातार प्रयासों से अरमान के घरवालों से संपर्क किया गया. इस टीम के प्रयासों की बदौलत अरमान के परिजनों की जानकारी जुटाकर संपर्क किया गया. अब जल्द ही अरमान परिजनों से मिल सकेगा. दरअसल, इन दोनों की मानसिक और शारीरिक हालत भी खराब है. जिला अस्पताल टीम ने सैंपल लिया जिसकी नेगेटिव रिपोर्ट 12 मई को आई थी.