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श्रीगंगानगर: भ्रष्टाचार के विरोध में आयुक्त व सभापति के खिलाफ धरने पर पार्षद - Councilor

नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार से नाराज पार्षद नगर परिषद आयुक्त व सभापति के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं. आरोप है कि परिषद में रूटीन कार्य नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है. सड़क निर्माण, कच्ची बस्ती में शौचालय निर्माण समेत कई कार्य नहीं किए जा रहे हैं.

Councilor on protest against corruption
भ्रष्टाचार के विरोध में धरने पर पार्षद

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Published : Aug 24, 2020, 1:58 PM IST

श्रीगंगानगर. नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप अक्सर लगते रहते हैं, लेकिन इस बार वार्ड के पार्षद ही अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं. शहर के नगर परिषद बोर्ड को बने हुए एक साल होने वाला है लेकिन नए बोर्ड से जो उम्मीदें थीं वह अभी तक पूरी नहीं हुईं हैं. शायद यही कारण है कि वार्डों में विकास कार्य नहीं होने से पार्षद नगर परिषद आयुक्त व सभापति की चोखट पर धरने पर बेठ गए हैं.

भ्रष्टाचार के विरोध में धरने पर पार्षद

परिषद में रूटीन के कार्य नहीं होने से लोगों को खासी परेशानियां झेलनी पड रहीं हैं. इसके अलावा शहर की मुख्य सड़कों के निर्माण, सफाई कर्मचारियों को पार्षद की सहमति बिना बदलने, पूर्व के कार्यों के टेंडरों के वर्क ऑर्डर जारी करने सहित मांगें मनवाने के लिए पार्षदों ने आयुक्त सभापति के सामने मोर्चा खोल दिया है.

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नगर परिषद में बोर्ड गठन के बाद वार्डों में कार्य ठप पड़ें हैं. वहीं शहर में साफ-सफाई और लाइटें नहीं लगने से रात को अधिकतर वार्ड अंधेरे मे गुम हो जाते हैं. परिषद में किसी प्रकार के कार्य नहीं होने से करीब एक साल बाद पार्षदों ने आयुक्त व सभापति के खिलाफ मोर्चा खोला है. शुक्रवार से शुरु हुए इस धरने को अब पार्षद आन्दोलन का रुप देने की तैयारी में है.

ऐसे में वार्डों में जो साधारण कार्य नहीं हों रहे हैं, उससे परेशान जनता भी पार्षदों के साथ आकर परिषद अधिकारियों के खिलाफ आन्दोलन पर उतारू हो सकते हैं. हैरानी है कि नगर परिषद के उपसभापति भी कुछ नहीं कर रहे हैं. परेशान होकर आखिरकार लोग भी सभापति व आयुक्त के खिलाफ पार्षदों के आन्दोलन में शामिल हो गए हैं. पार्षद कहते हैं कि परिषद में अधिकारी रूटीन फाइलों पर जानबूझकर हस्ताक्षर नहीं करते हैं. इससे जनता के कार्य बाधित हो रहें हैं.

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