श्रीगंगानगर. देश में सामान्य बीमारियों का प्रकोप लॉकडाउन के कारण कम हुआ है. लॉकडाउन के चलते लोगों की जीवन शैली में भी बदलाव आने की वजह से इस साल सामान्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है. लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है. कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन खास बात ये भी है देश में लागू लॉकडाउन की वजह से लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव आया है.
दरअसल, डॉक्टरों की मानें तो घर और बाहर साफ सफाई का ध्यान रखने और सभी लोगों के द्वारा मास्क का प्रयोग करने की वजह से इस मौसम में जो दूसरी सामान्य बीमारियां होती थी वो इस बार नहीं हुई हैं. यही नहीं तंबाकू पर रोक के चलते तंबाकू से जुड़ी समस्या और टीबी के मरीजों की संख्या में भी कमी आई हैं. हालांकि डॉक्टरों के द्वारा पहले ही सावधानी बरतने की सलाह दी जाती थी, लेकिन पहले लोग गंभीरता से नहीं लेते थे. कोरोना के डर से सभी लोग सावधानी बरत रहे हैं और उसे गंभीरता से भी ले रहे हैं. इसी वजह से कई अन्य बीमारी के मरीजों की संख्या बहुत कम हुई है. अगर इसी प्रकार लोग अपनी जीवनशैली बदल लेगें तो कोरोना को हराना भी आसान होगा और अन्य बीमारियों से भी बचा जाएगा.
बता दें, कि श्वास, अस्थमा, डायबिटीज और बल्ड प्रेशर आदि से पीड़ित लोगों को थोड़ा विशेष ध्यान रखना चाहिए. इन लोगों के लिए इस समय बहुत ही जरूरी है कि वे स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें. जिले के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेंद्र ज्याणी के अस्पताल में लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण से पहले रोगियों की भारी भीड़ रहती थी. हर रोज जिलेभर के अलावा पंजाब से भी चर्म और श्वास के 179 रोगी आते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद ओपीडी में अब रोजाना 23 से 30 मरीज ही आ रहे है. जिस प्रकार से रोगियों में गिरावट आई है, उससे डॉक्टर ज्याणी खुद हैरान है.
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जल और वायु प्रदूषण में आई भारी गिरावट