श्रीगंगानगर. लॉकडाउन 3.0 में भले ही सरकार ने लोगों को राहत दी है. लेकिन ग्रीन जोन में आए श्रीगंगानगर जिला प्रशासन प्रवासियों को घर जाने के लिए अनुमति नहीं दे रहा है. राज्य सरकार प्रवासियों के लिए भले ही लगातार अनुमति देने की बात कहते हुए उन्हें घर भेज रही है.
श्रीगंगानगर में फंसे कश्मीरी प्रवासियों से बातचीत लेकिन गंगानगर जिला प्रशासन जम्मू-कश्मीर के लोगों को घर जाने के लिए पिछ्ले डेढ़ माह से अपने दफ्तरों के चक्कर कटवा रहा है. इस दौरान घाटी के इन लोगों ने कई बार जिला प्रशासन के यहां अनुमति के लिए आवेदन किया है. लेकिन हर बार किसी ना किसी बहाने से उनका आवेदन खारिज करते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया.
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घाटी के इन लोगों को अनुमति नहीं मिलने से अब इनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. इंदिरा चौक एरिया में पूर्व मंत्री हीरालाल इंदोरा के जिस घर में ये कश्मीरी परिवार रहे हैं. वहां अब हर रोज इनकी उम्मीद दम तोड़ती नजर आ रही है. हैरानी तो इस बात की भी है कि लॉकडाउन में जब सरकार ने मकान मालिकों को इंसानियत दिखाने की बात कहते हुए किराएदारों से किराया नहीं लेने की बात कहीं, ऐसे में इन लोगों से मानवता को ताक पर रख कर किराया वसूला गया.
छोटे से मकान में ये 17 लोग हर रोज इस उम्मीद के साथ रात बिताते हैं कि अगली सुबह इनके लिए राहत लेकर आएगी. लेकिन जिला प्रशासन के चौखट पर जाकर इन्हें फिर मायूसी ही मिलती है. इन कश्मीरी परिवारों की माने तो रमजान का महीना होने से अब ये रोजे भी यहां ढंग से नहीं रख पा रहे हैं. क्योंकि इनके पास पैसे भी खत्म हो गए हैं.
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कश्मीरी लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन राहत सामग्री बांटने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन पिछले डेढ़ माह में इन्हें एक बार भी राहत सामग्री नहीं दी गई है. ऐसे में इन्होंने सर्दी के मौसम में काम धंधा करके जितने पैसे कमाए थे, अब वह पैसे भी खत्म हो चुके हैं.