राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

SPECIAL: सीकर के किसान कान सिंह का कमाल, ऑर्गेनिक खेती से कर रहे लाखों की कमाई

सीकर के एक किसान की खेती करने की तकनीक इन दिनों मिसाल बनी हुई है. उसकी खेती करने की तकनीक इतनी प्रसिद्ध हो चुकी है कि विदेशी भी किसान के पास अध्ययन के लिए आते हैं. यह किसान अपने नए प्रयोगों से लाखों रुपये की कमाई कर रहा है. जिससे इनकी चर्चा चारों ओर है. देखिए सीकर से ये स्पेशल रिपोर्ट...

siakr news, rajasthan news, hindi news
सीकर के किसान की प्राकृतिक खेती

By

Published : Jun 9, 2020, 8:06 PM IST

सीकर.कहते हैं जब कुछ करने की मन में ठान ली जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है. जिस प्राकृतिक खेती को लोगों ने छोड़ दिया था उसे वापस जिंदा कर सीकर के एक किसान ने मुकाम हासिल किया है. इस किसान ने जीरो बजट पर ना केवल प्राकृतिक खेती करने का आविष्कार किया है, बल्कि सब कुछ खेत में ही पैदा करने का काम भी किया. सीकर के कटराथल गांव के रहने वाले किसान कान सिंह की कहानी आपको नई प्रेरणा ही नहीं आपको एक नई सीख भी देगी.

पेड़ों को सूखी घास से ढकते कान सिंह

किसान कान सिंह ने अपने खेत में ही प्रोसेसिंग यूनिट से लेकर गाय पालन तक सभी काम किए हैं. इतना ही नहीं यहां विदेशी भी इनके पास अध्ययन के लिए आते हैं. काफी संख्या में लोग यहां पर होम स्टे के लिए भी आते हैं. बता दें कि यह किसान अपने नए प्रयोगों से लाखों रुपये की कमाई भी कर रहा है. कान सिंह ने जीरो बजट और प्राकृतिक खेती की तरफ रुझान किया और पिछले 10 साल में ही इस प्रयोग को सही साबित कर दिया. आज उनके खेत में केवल ऑर्गेनिक खेती होती है. जिसका साफ मतलब है कि उनके खेत में किसी भी तरह का पेस्टीसाइड काम में नहीं लिया जाता.

जीरो बजट खेती पर कान सिंह से खास बातचीत (पार्ट-1)

नई तकनीक से खेती

कान सिंह ने फलदार पौधों को विकसित करने के लिए भी नई तकनीक ईजाद की है. इसके तहत पौधों में पानी कभी-कभार ही देना पड़ता है, यहां तक कई बार तो पौधा लगाने के बाद महीनों तक पानी नहीं देना पड़ता है. कान सिंह ने बताया कि वे पेड़ की जड़ों में सूखा घास फूस डालते हैं. जिससे उसमें नमी बनी रहती है और कई तरह के जीवाणु पैदा हो जाते हैं और पेड़ अपने आप ग्रोथ करता है.

जीरो बजट खेती पर कान सिंह से खास बातचीत (पार्ट-2)

खेत में ही लगाई प्रोसेसिंग यूनिट

कान सिंह ने अपने खेत में ही कई तरह की प्रोसेसिंग यूनिट लगा रखी है. खेत में मसालों को कूटकर पैकिंग करने का प्रोजेक्ट लगा रखा है. इसके साथ ही कच्ची घानी से सरसों का तेल निकाला जाता है. कान सिंह ने बताया कि यह सब बेचने के लिए वह कभी भी बाजार में नहीं जाते, लोग खुद ही उनके खेत में आकर ये सब खरीदते हैं.

खेत में देसी गायों के चारा खिलाते कान सिंह

घर में ठहरते हैं विदेशी

कान सिंह के अनुसार उन्होंने खेत में ही होम स्टे बना रखा है. जहां पर काफी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं और उनके खेत में रहते हैं. यह लोग उनसे खेती की तकनीक का अध्ययन करने आते हैं. इसके साथ-साथ देश के कई हिस्सों से भी काफी लोग यहां आते हैं. कान सिंह को बजट के दौरान किसानों के मुद्दे पर सुझाव देने वाली कमेटी में भी शामिल किया गया था और वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी अपने सुझाव दे चुके हैं.

यह भी पढ़ें-Special: इस बार मध्यप्रदेश और राजस्थान के लोग नहीं उठा पाएंगे बांसवाड़ा के देसी आम का लुत्फ!

लाखों रुपये की कमाई कर रहे कान सिंह

खेती की नई तकनीक की बदौलत कान सिंह लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. लोग उनके यहां रुकते हैं तो होम स्टे का पैसा देते हैं. इसके साथ-साथ उनके प्रोडक्ट भी खरीदकर ले जाते हैं. इतना ही नहीं इसके साथ ही उन्होंने देसी गायों के पालन को भी बढ़ावा दिया है और अपने खेत में देसी नस्ल की गाय जैसे गिर, थारपारकर और राठी नस्ल पालते हैं और इनके बछड़े अच्छी कीमत पर बेचते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details