सीकर. सड़क हादसों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जिले में इस नवंबर के महीने में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. हालात तो यह है कि अभी महीना पूरा भी नहीं हुआ है लेकिन, इस महीने में अब तक सीकर में 37 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है.
यह आंकड़ा बहुत बड़ा है और इसके साथ साथ 67 लोग इन सड़क हादसों में घायल हुए हैं, जिनमें से कई तो अब भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. पुलिस महकमे के आंकड़ों पर गौर करें, तो जिले में नवंबर के महीने में अब तक 36 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 37 लोगों की मौत हो गई और इसके साथ-साथ 67 लोग घायल हो गए हैं.
सीकर में सड़क हादसों में 37 की मौत 67 घायल बड़े हादसे हुए जिले में
बता दें कि 36 सड़क हादसों की बात हो रही है, उनमें सभी हादसों में मौत नहीं हुई है लेकिन, सीकर जिले में इस महीने में बड़े सड़क हादसे होने की वजह से मृतकों की संख्या बढ़ी है. बता दें कि खाटू श्याम जी रींगस मार्ग पर मिनी बस और जीप में भिड़ंत में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.
यह भी पढ़ें. स्पेशल स्टोरी : डूंगरपुर के किसान का बेटा बना भारतीय तीरंदाजी टीम का चौथी बार कोच, अब नेपाल में परचम लहराने की तैयारी
इसके अलावा फतेहपुर सदर थाना इलाके में दो कारों की भिड़ंत में 4 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा जिले का शायद ही कोई इलाका हो जहां पर सड़क हादसा नहीं हुआ हो, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर प्रशासन इन हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम क्यों नहीं उठा रहा है.
लापरवाही नहीं होती तो बच सकती थी कई जान
जिले में इस महीने में हुए दो सड़क हादसों की बात की जाए, तो सबसे ज्यादा लापरवाही प्रशासन की और पुलिस की ही सामने आती है. खाटूश्यामजी में जो हादसा हुआ उस में जीप ओवरलोड थी लेकिन, उसे ओवरलोड चलने में किसी ने नहीं रोका.
वहीं फतेहपुर सदर थाना इलाके में जो हादसा हुआ वह रोड में तकनीकी खराबी की वजह से हुआ, यहां पर रोड के बीच लगे बिजली के पोल को 2 साल पहले हटा लिया गया था. लेकिन, उसके बाद भी यहां से रोड को सही नहीं किया गया, यही हादसे का कारण बना.