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सीकर के बड़ वाले बाबा का प्रकृति प्रेम, अब तक कई जगहों पर लगा चुके हैं 10 हजार पौधे

सीकर जिले के जेठवा का बास गांव के रहने वाले 91 साल के बुजुर्ग मनरूप जेठू जो आसपास के क्षेत्र में बड़ वाले बाबा के रूप में जाने जाते हैं. बाबा ने पिछले 31 सालों में करीब 10 हजार पौधे लगाए हैं. जिनमें से कुछ अब पेड़ बन चुके हैं.

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Published : Jun 9, 2019, 4:54 PM IST

सीकर के बड़ वाले बाबा का प्रकृति प्रेम

सीकर. जिले के जेठवा का बास गांव के रहने वाले 91 साल के बुजुर्ग मनरूप जेठू जो आसपास के क्षेत्र में बड़ वाले बाबा के रूप में जाने जाते हैं. प्रकृति के लिए इनका प्रेम देखते ही बनता है. यही वजह है कि इन्होंने पिछले 31 सालों में करीब 10 हजार पौधे लगाए हैं. जो अब काफी बड़े हो चुके हैं और लोगों को शुद्ध हवा दे रहे हैं. बड़ वाले बाबा ने अपने गांव में भी करीब एक हजार पौधे लगाए हैं. जिन्हें इन्होंने खुद अपने हाथों से सींचा है. ऐसे में "सिर सांठे रूंख तो भी सस्तो जान" जैसी राजस्थानी कहावत को बाबा चरितार्थ कर रहे हैं.

सीकर के बड़ वाले बाबा का प्रकृति प्रेम, अब तक कई जगहों पर लगा चुके हैं 10 हजार पौधे

मनरूप बाबा ने 8 जिलों के करीब 70 गांवों में जाकर बड़, पीपल और नीम के पौधे लगाए हैं. जो बड़े पेड़ बन चुके हैं. बाबा ने जेठवा का बास गांव में श्मसान घाट व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर एक हजार से ज्याद पौधे लगाए हैं. जिनमें से कुछ अब पेड़ का रूप ले चुके हैं. मनरूप बाबा 91 साल की उम्र में भी चलकर इन पेड़ों में पानी डालकर आते हैं. इनकी दिनचर्या की शुरुआत इसी काम से होती है. बाबा को आयुर्वेद के बारे में भी अच्छा ज्ञान है. बाबा आयुर्वेदिक दवाइयों से मिलने वाले रुपयों से भी पौधे खरीद कर लाते हैं और गांवों में लगाते हैं. यह किसी ओर से मदद नहीं लेते हैं.

मनरूप बाबा ने बताया कि उन्हें पौधे लगाने की प्रेरणा 31 साल पहले मिली. जब कुछ लोग बड़ का पेड़ काट रहे थे. उन्हें पेड़ काटने से रोकने पर भी वो नहीं माने. जिसके बाद उन्होंने बड़ के पेड़ की डाल लाकर गांव में लगाई. इस पेड़ के लगने के बाद उन्होंने ठान लिया कि अब सब जगह को हराभरा बनाएंगे. बाबा ने बताया कि उन्हें बड़ और पीपल के पौधे ज्यादा लगाए, क्योंकि इनका धार्मिक महत्व है और 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं.

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