नागौर. जिला मुख्यालय स्थित जेएलएन अस्पताल सहित जिले भर के तमाम अस्पतालों में संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसको लेकर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर एवं सुगम बनाने के लिए आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता, कोविड डेडिकेटेड सेंटर में बेड का विस्तार सहित अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई. बैठक में सरकार की और से पिछले दिनों स्वीकृत ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने को लेकर भी चर्चा की गई.
नागौर कलेक्टर ने कोरोना मरीजों के लिए बेहतर इलाज और ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के दिए निर्देश साथ ही बीकानेर और किशनगढ़ से ऑक्सीजन सिलेंडर की नियमित सप्लाई को लेकर भी कलक्टर ने अपडेट लेते हुए अधिकारियों को निर्बाध आपूर्ति के निर्देश दिए. सरकार की ओर से बीते दिनो जिले के जायल, छोटी खाटू , परबतसर और नावा में भी ऑक्सीजन प्लांट मंजूर किए थे. इन प्लांटों की टेंडर प्रक्रिया को लेकर जिला कलक्टर ने फीडबैक लिया. दूसरी और मेड़ता सिटी में नगरपालिका और भामाशाह, शहर में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित के लिए आगे आए हैं और अपने स्तर पर प्लांट निर्माण करने की बात प्रशासन से कही है.
जिला कलक्टर ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में इस महीने के आखिर तक 175-200 ऑक्सीजन सिलेंडर क्षमता वाला प्लांट शुरू हो जाएगा. बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि सेठ श्री बल्लभ रामदेव पित्ती राजकीय अस्पताल में कम गम्भीर एवं हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 50 अतिरिक्त कोरोना बेड की व्यवस्था की गई है. साथ ही अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर बेड की संख्या बढ़ाकर 204 कर दी गई है. जिनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नावां में 10, डेगाना में 15, मेड़ता में 15, मकराना में 15, मूण्डवा में 10, खींवसर में 15, परबतसर में 15, कुचामन में 7, जायल में 10, छोटी खाटू में 10, रिंयाबडी में 10, निम्बी जोधा में 10, मीठड़ी में 8 और श्रीबालाजी में 4 बेड की व्यवस्था की गई है.
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बैठक में जिला कलक्टर ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में ऐसे शहरों और गांवो को चिह्नित किया जाए जहां कोरोना के संक्रमण में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे टीमों के माध्यम से सर्वे कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सर्वे पूरा हो गया हो, वहां दोबारा सर्वे किया जाए. सर्वे के दौरान किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई देते है, तो सर्वे टीम की ओर से उन व्यक्तियों को मेडिसिन किट प्रदान की जाए.