कोटा.बिजली लाइनों के रखरखाव कर रहे एक कार्मिक के करंट लगने से मौत हो गई. उसके साथी कार्मिकों ने शटडाउन के बाद भी बिजली चालू करने का आरोप लगाया. इसके लिए सीधा जिम्मेदार कोटा में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी के तौर पर बिजली व्यवस्था को संभाल रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) को बताया है. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने धरना शुरू कर दिया.
मृतक कर्मचारी केशोरायपाटन निवासी बृजलाल मेघवाल (31 साल) है, जो कि निजी बिजली कंपनी में संविदा पर कार्य करता है. बिजली के पोल पर चढ़कर वह लाइनों के रखरखाव का काम कर रहा था. इसी दौरान उसे करंट लग गया और उसकी मौत हो गई, बाद में उसे झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद आक्रोशित साथियों और राजनीतिक दलों के लोगों ने रास्ता जाम कर हंगामा किया.
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मौके पर पहुंचे अनंतपुरा इलाके के एएसआई रामलाल का कहना है कि रोड नंबर 7 पर लाइट ठीक करने का काम कर रहा था. लाइट ठीक करते हुए कार्मिक को करंट से लग गया. उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है. इस संबंध में केईडीएल वालों को सूचना दे दी है और वह मौके पर पहुंच रहे हैं. साथ ही हंगामा कर रहे लोगों ने एक परिजन को नौकरी और 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है. इस मामले में बृजलाल की हत्या का मुकदमा भी पुलिस दर्ज करें.
साथियों ने लगाया आरोप-अधिकारियों ने चालू करवा दी सप्लाई
बृजलाल मेघवाल की मृत्यु के बाद निजी अस्पताल के बाहर भी हंगामा हुआ. इस दौरान वहां मौजूद बृजलाल के साथी का कहना है कि इंडस्ट्रियल एरिया में रोड नंबर 7 पर शटडाउन लेकर मेंटेनेंस के काम के लिए हम पहुंचे हुए थे. यह शटडाउन कनिष्ठ अभियंता प्रणव कौशिक से लिया था. हम काम कर रहे थे कि अचानक से बिजली चालू हो गई. जबकि हमें तीन काम करने थे. दो काम हम कर चुके थे, तीसरा काम हम कर रहे थे. बृजलाल खंभे पर चढ़ा हुआ था. आधे काम में सप्लाई चालू कर दी गई. कोई कॉल नहीं हुआ और हमें कोई जानकारी या वार्निंग नहीं दी गई है.
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भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने दिया धरना, 11 लाख के मुआवजे पर सहमति
धरने पर बैठे परिजन और नेता केईडीएल के कार्मिक बृजलाल मेघवाल की मौत के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेता मौके पर पहुंच गए. अस्पताल के बाहर धरना उन्होंने शुरू कर दिया. भाजपा के कोटा दक्षिण से विधायक संदीप शर्मा परिजनों के साथ सड़क पर ही धरना देने लगे. साथ ही इस धरने पर रामगंजमंडी के विधायक मदन दिलावर और भाजपा के अन्य नेता भी पहुंच गए थे. कुछ देर बाद पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी मौके पर आ गए और उन्होंने भी मुआवजे की मांग में समर्थन किया. दूसरी तरफ कांग्रेस के जिला महामंत्री विपिन बरथुनिया भी बृजलाल के परिजनों के साथ दिए जा रहे हैं.
कांग्रेस और भाजपा के बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता भी मौके पर मौजूद थे. ऐसे में पुलिस ने एहतियात बरतते हुए जाब्ता बढ़ा दिया क्योंकि आपस में दोनों के बीच तकरार हो सकती थी. आखिर करीब साढ़े 4 घंटे चले इस धरने का अंत हुआ और 11 लाख के मुआवजे पर सहमति बनी.