कोटा.केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आलू चिप्स की आड़ में डोडा चूरा की तस्करी के मामले का पर्दाफाश किया है. 235 प्लास्टिक के कट्टों में 4800 किलोग्राम से ज्यादा डोडा चूरा बरामद किया है. ट्रक और चालक को भी केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है जिससे पूछताछ की जा रही है. यह डोडा चूरा जोधपुर जिले के अलग-अलग एरिया में सप्लाई होना था. जो एक साथ ही ट्रक के जरिए फर्जी ई-बिल बनाकर मंगाया रहे थे. डोडा चूरा की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 90 लाख रुपए है.
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मामले का खुलासा करते हुए सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि बड़ी खेप डोडा चूरा की तस्करी कर ले जाई जाएगी. इसके संबंध में उन्होंने बारां जिले में नेशनल हाईवे-27 पर फतेहपुर टोल नाके पर नाकेबंदी कर उनकी टीम खड़ी हो गई. इसी दौरान एक ट्रक आया और जब उसकी जांच की गई तो उसमें डोडा चूरा मिला. यह डोडा चूरा प्लास्टिक के कट्टों में भरा हुआ था और उन कट्टों में भी प्लास्टिक की थैलियों में यह भरा था. इसको पाउडर की तरह रखा हुआ था. जब इनका पूरा तौल किया गया तो यह 4836 किलोग्राम वजन निकला है.
ट्रक चालक जोधपुर जिले के बाप तहसील के देगावडी गांव के बिश्नोइयों की ढाणी निवासी रामनिवास बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है. विकास जोशी ने यह भी बताया कि जिस ट्रक के जरिए यह तस्करी की जा रही थी, उस में आलू चिप्स के कई सारे बिल मिले हैं, जो अमृतसर से लंबे रूट पर आने जाने के थे. साथ ही आलू चिप्स भी कुछ प्लास्टिक के कट्टों में भरा हुआ था और ट्रक में फैलाया भी हुआ था. कार्रवाई में सहायक नारकोटिक्स आयुक्त विजय सिंह मीणा, अधीक्षक मुकेश खत्री व राजेंद्र कुमार, निरीक्षक आरके चौधरी, उप निरीक्षक शकील अहमद के साथ श्रीकांत पटेल व मुकेश राठौर शामिल थे.
मध्यप्रदेश से फलोदी जा रहा था डोडा चूरा, बीते 2 साल से ड्राइवर इसी काम में लगा है
ट्रक चालक ने बताया कि डोडा चूरा मध्यप्रदेश और आगर जिले से लेकर आया है जिसे जोधपुर के फलौदी एरिया में तस्करों को आपूर्ति करना था. अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ड्राइवर से हुई पूछताछ के बाद अब सबूत एकत्रित कर इस मामले के अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास किए जाएंगे. साथ ही अंतर्राज्यीय तस्कर गिरोह की भी तलाश की जाएगी और आरोपियों को पकड़ा जाएगा. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी ने अभी बताया कि ड्राइवर बीते 2 सालों से इसी तरह की तस्करी के काम में जुटा हुआ था, उसे हर बार चक्कर लगाने के 50 हजार रुपए दिए जाते थे.