कोटा. सांगोद के विधायक भरत सिंह के लगातार हमले झेल रहे खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. खनन मंत्री ने विधायक भरत सिंह के आरोपों का खुलकर जवाब दिया है. कोटा दौरे पर आए खनन मंत्री ने कहा कि भरत सिंह के लगाए गए आरोप बेबुनियाद है. खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि भरत सिंह अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन सोरसन में गोडावण प्रजनन केंद्र नहीं बनाया जाएगा. सोरसन में ना गोडावण है और ना ही उसके अवशेष हैं. ऐसे में गोडावण प्रजनन केंद्र बनाना मुफीद नहीं है.
विधानसभा में इसका जवाब दे दिया गया है कि सोरसन की जलवायु गोडावण प्रजनन केंद्र के लिए अनुकूल नहीं है. खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि खान की झोपड़ियां गांव परिसीमन के बाद से ही मेरे विधानसभा क्षेत्र अंता में आता है. भौगोलिक दृष्टि से खान की झोपड़ियां गांव बारां जिले के सबसे ज्यादा नजदीक है. ऐसे में उनकी यह मांग का अव्यवहारिक है.
खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया का पलटवार पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव : अब कुछ नहीं बचा भाजपा में..आरएलपी जीतेगी भारी बहुमत से - उदयलाल डांगी
खनन एवं गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया सोमवार को कोटा दौरे पर आए. यहां पर रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने कोटा में स्थित उनकी पैतृक संपत्ति को अपनी पत्नी उर्मिला जैन भाया के नाम डोनेट किया है. इसकी रजिस्ट्री कराने के लिए ही पहुंचे थे. भाया ने कहा कि विधायक भरत सिंह हमारे पार्टी के वरिष्ठ सम्मानीय विधायक हैं. लोकतंत्र में हर किसी को बोलने की आजादी है. भरत सिंह पार्टी के वरिष्ठ विधायक है. वह राज्य सरकार के निर्णय से बंधे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निर्णय सर्वोपरि है.
पंचायत स्तर पर नंदी गौशाला बनाने की योजना
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि गोवंश का अच्छा संवर्धन हो. उसी भावना के अनुरूप नंदी गौशाला गोपालन विभाग पंचायत स्तर पर खोलने की योजना बना रहा है. इसकी हर गौशाला की यूनिट कॉस्ट 1.57 करोड़ आंकी गई है. जिसमें से 10 फीसदी अंशदान संस्था का होगा. जबकि 90 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी. साथ ही जिस तरह से गौशालाओं को 6 महीने का ही अंशदान 2 साल बाद दिया जाता है, जबकि नंदी गौशालाओं में शुरुआत के पहले दिन से ही अंशदान मिलना शुरू होगा जो कि हर साल 9 महीने का होगा.
नगर निगम की गौशालाओं की खस्ताहाल हालात पर मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए प्रमोद जैन भाया ने कहा कि नगर निगम की गौशाला जिस तरह से जयपुर में सामाजिक संस्थाओं को सौंप दिया गया है. सामाजिक कार्य सामाजिक संस्थाएं जितने बेहतर तरीके से कर सकती है, अन्य कोई विभाग नहीं कर सकता है. ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विचार करना चाहिए सामाजिक संस्थाओं को सौंप दें, ताकि संवर्धन हो सके.