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2 साल बाद जन्माष्टमी पर होंगे श्रीबड़े मथुराधीश भगवान के दर्शन, यहां देखे समय

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Published : Aug 18, 2022, 9:49 PM IST

कोविड-19 के 2 साल बाद इस बार जन्माष्टमी पर शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीबड़े मथुराधीश भगवान के दर्शन किए जा सकेंगे. 19 अगस्त को श्रद्धालु सुबह से शाम तक अलग-अलग समय पर दर्शन लाभ ले सकेंगे. इसकी पूरी सूची जारी की गई है.

Lord Mathuradheesh darshan on Janmashtami 2022, check timings
2 साल बाद जन्माष्टमी पर होंगे श्रीबड़े मथुराधीश भगवान के दर्शन, यहां देखे समय

कोटा.कोविड-19 के 2 साल बाद शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीबड़े मथुराधीश प्रभु के मंदिर को इस जन्माष्टमी पर दर्शनों के लिए खोला (Mathuradheesh darshan on Janmashtami 2022) जाएगा. श्रद्धालु सुबह से शाम तक अलग-अलग समय पर पंचामृत से लेकर शयन और जागरण के साथ जन्म दर्शन भी कर सकेंगे. इसके साथ ही 20 अगस्त को नंदोत्सव के दर्शन भी श्रद्धालु कर सकेंगे.

2 साल बाद दर्शनों को लेकर श्रद्धालुओं में भी काफी उत्साह है. श्रीबड़े मथुरेश जी टेंपल बोर्ड ने भी इसकी पूरी तैयारी कर ली है. बोर्ड के व्यवस्थापक महेश व्यास ने बताया कि वर्तमान में मंदिर में दर्शन का समय शाम का है. अन्य प्रहर में दर्शनार्थियों को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है. पिछले साल प्रथम पीठाधीश्वर विट्ठलनाथ महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में दर्शन खोलने का निर्णय किया गया था. जिसके बाद श्रीबड़े मथुराधीश मंदिर के मन्दिर के दर्शन 15 सितंबर, 2021 से खोले थे. तब से ही यह दर्शन कराए जा रहे थे.

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आपको बता दें कि श्रीमथुराधीश प्रभु के मंदिर पर कोरोना के कारण 19 मार्च, 2020 से सभी दर्शन बंद कर दिए गए थे. इसीके चलते बीते 2 साल जन्माष्टमी पर भी मथुराधीश मंदिर पर किसी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया गया था. पुष्टिमार्ग में प्रभु के सामने कैमरा ले जाने की परंपरा नहीं है. इसीलिए ऑनलाइन या वर्चुअल किसी भी प्रकार के अन्य दर्शन नहीं कराए जा सकते हैं.

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19 अगस्त को शुक्रवार के दर्शन:

  • पंचामृत : सुबह 5 बजे से
  • तिलक : अनिश्चित सुबह सेवा, अनुकूल समय
  • राजभोग : अनिश्चित सुबह सेवा, अनुकूल समय
  • उत्थापन : शाम 6 बजे
  • भोग : शाम 7 बजे
  • आरती : शाम 7:30 बजे
  • शयन : रात 9:45 बजे
  • जागरण : रात 10 बजे
  • जन्मदर्शन : रात 12 बजे

20 अगस्त को दर्शन

  • पालने में बिराजे व नन्दोत्सव: सुबह 8 बजे से दोपहर तक
  • मंगला : अनिश्चित सेवा, अनुकूल समय
  • शाम को दर्शन नहीं होंगे.

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