कोटा.कोरोना ने अनेक घरों की खुशियां उजाड़ दी और बहुत से अपनों को सदा के लिए दूर कर दिया. सबसे अप्रिय स्थिति उन घरों की है जिनमें माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई या परिवार का कमाने वाला सदस्य ही चला गया. ऐसे घरों के बच्चों की सहायता के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आव्हान पर स्कूल संचालकों और कोचिंग संस्थानों ने उन्हें निशुल्क शिक्षा देने की बात कही है.
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोटा के स्कूल संचालकों से बातचीत की. बिरला ने कहा कि कोरोना के कारण जिन घरों में माता-पिता या परिवार के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो गई है, उनमें सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ा है. अब उनके भविष्य पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है. ऐसे परिवारों को हमारे संबल की जरूरत है. यह हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व है कि हम सब ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आएं और उनका भविष्य संवारने के लिए अपना योगदान दें.
ओम बिरला ने स्कूल संचालकों और कोचिंग प्रबंधकों से भी ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आने की अपील की. उन्होंने स्कूल संचालकों से कहा कि यदि उनके स्कूल में ऐसा कोई बच्चा पढ़ता है तो बिना फीस लिए उसको पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दें. यदि फीस को लेकर उन्हें कोई परेशानी है तो बताएं, फीस की व्यवस्था कर दी जाएगी. लेकिन फीस के अभाव में ऐसे किसी भी बच्चे को पढ़ाई से वंचित नहीं किया जाये. इसी तरह कोचिंग संस्थान भी कोटा आने वाले ऐसे परिवारों के बच्चों को संबल दें.