कोटा. जिले के कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में रहने वाले लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा. बता दें की राजकीय संस्कृत स्कूल से गढ़ पैलेस के बीच के हिस्से में रहने वाले लोगों को राशन नहीं मिलने से उनका रोष फूट पड़ा. इस इलाके में रहने वाले लोग शुक्रवार को घरों से निकल आए और राशन की मांग करने लगे. पुलिस ने रोका तो उनकी पुलिसकर्मियों से बहस हो गई.
महाकर्फ्यू लगने से लोगों को नहीं मिल पा रहा राशन इस क्षेत्र के निवासियों का कहना था कि जब से महाकर्फ्यू लगा है तब से राशन की एक भी गाड़ी नहीं आई. सब्जी और दूध भी नहीं आ रहा हैं. घर में दाल और आचार से रोटी खा रहे थे. वहीं अब आचार भी खत्म हो गया. कई लोगों के घर में आटा दाल भी खत्म होने वाले हैं. पुलिसकर्मियों में मौजूद एक कांस्टेबल ने सबको समझाया और कैथूनीपोल थाने पर इस बात की सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वहां राशन की गाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं शहर में जिन क्षेत्रों को पहले कर्फ्यू और उसके बाद महा कर्फ्यू में लगाया गया उन क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री के लिए भी लोगों को समस्याएं हो रही हैं.
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परकोटा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कई घरों में आटा, तेल, शक्कर, सब्जी, दाल, चायपत्ती और जरुरत के कई सामान खत्म हो चुके हैं. प्रशासन की तरफ से जो व्यक्ति राशन सप्लाई कर रहा है वह ऊपरी क्षेत्रों में ही राशन सामग्री सप्लाई कर लौट जाता हैं. जबकि चंबल नदी के किनारों पर रहने वाले लोग, चश्मे की बावड़ी. अंसारीयों का मोहल्ला, श्रीपुरा, कैथूनीपोल, साबरमती कॉलोनी सहित कई क्षेत्रों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. पेड राशन खरीदने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं. गुरुवार को भी चश्मे की बावड़ी में कई महिलाओं ने प्रशासन की अव्यवस्थाओं का विरोध जताया था.
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महिलाओं का कहना था कि प्रशासन ने एक व्यक्ति को राशन सामग्री के लिए नियुक्त किया गया है उसके तरफ से किट उपलब्ध करवाया जा रहा हैं. यह किट भी रोजाना सीमित घरों तक ही पहुंच पाते हैं. जिला प्रशासन की ओर से पेड राशन सामग्री वितरण करने के लिए बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन बीएलओ यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं कि राशन वाली गाड़ी आएगी तभी हम आएंगे. गाड़ी के बगैर हम राशन कहां से लाए.