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स्पेशल: विभाग सर्वे कर जारी कर रहा लेबर सेस के नोटिस, लोग बोले- किस तरह का नया टैक्स हमें जानकारी ही नहीं

श्रमिक कल्याण के लिए सरकार ने योजना तो बना दी थी, लेकिन रुपए देने की बात आई तो हाथ पीछे खींच लिए थे. इसकी जिम्मेदारी भी श्रम विभाग के जिम्मे डाल दी. उसके बाद श्रम विभाग ने इससे छुटकारा पाने के लिए नया रास्ता निकाल लिया. उसे पता था कि मकान बन चुके हैं. उसमें ठेकेदारों से राशि वसूलना मुश्किल है. इसलिए भवन मालिकों को नोटिस जारी कर दिए हैं.

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श्रम विभाग सर्वे कर जारी कर रहा लेबर सेस के नोटिस

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Published : Feb 6, 2020, 3:17 PM IST

कोटा.शहर की नई कॉलोनियों के निवासियों के सामने एक और नए तरह के टैक्स की देनदारी का बोझ सामने आ गया है. श्रम विभाग की तरफ से शहर की नई कॉलोनियों में बने मकानों का सर्वे कर उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है कि वे लोग लेबर सेस जमा कराएं, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अधिकांश लोगों को तो इस तरह के टैक्स के बारे में जानकारी ही नहीं है.

श्रम विभाग सर्वे कर जारी कर रहा लेबर सेस के नोटिस

ऐसे में वे एक नए टैक्स के बारे में सुनकर ही चौक जाते हैं. कई लोगों ने तो इन नोटिस को रख लिया है और उस पर किसी तरह का कोई रिस्पांस नहीं कर रहे हैं. कुछ लोगों ने वकील से भी इस संबंध में जानकारी ली है. कोटा शहर के जिन कॉलोनियों में नोटिस दिए गए हैं. उनमें शहर में बोरखेड़ा एरिया की नई कॉलोनियां, श्रीनाथपुरम, आरकेपुरम, कुन्हाड़ी, लैंड मार्क, बालिता रोड, विवेकानंद नगर, राजीव गांधी नगर शामिल हैं.

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ईटीवी भारत ने श्रम विभाग के कार्यालय में जाकर इस तरह के नोटिस के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि भवन और अन्य सभी संनिर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम बनाया गया था. इसके तहत 27 जुलाई 2009 के बाद जितने भी निर्माण कार्य शुरू हुए हैं, उन लोगों से श्रमिक सेस वसूला जाना है. इसी के लिए कोटा शहर की नई कॉलोनियों में सर्वे करवाया जा रहा है और लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं.

ठेकेदारों से वसूलनी थी राशि...

श्रमिक कल्याण के लिए सरकार ने योजना तो बना दी थी. लेकिन रुपए देने की बात आई तो हाथ पीछे खींच लिए थे. इसकी जिम्मेदारी भी श्रम विभाग के जिम्मे डाल दी, जिसके बाद श्रम विभाग ने बला से छुटकारा पाने के लिए नया रास्ता निकाल लिया. उसे पता था कि मकान बन चुके हैं. उसमें ठेकेदारों से राशि वसूलना मुश्किल है. इसलिए भवन मालिकों को नोटिस जारी कर दिए हैं.

निर्माण लागत का 1 फीसदी करनी है वसूली...

27 जुलाई 2009 को भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर की राशि वसूलने के लिए नियम बनाया गया था. इसमें निर्माण लागत में 10 लाख रुपए तक की छूट थी और उसके बाद जितनी भी राशि निर्माण में खर्च हुई है. उसके अनुसार 1 फीसदी उपकर देना है. जो नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें 1 शीट भी अटैच की गई है, जिसके अंदर उनके मकान इस साइज के साथ-साथ कितने लोगों ने कार्य किया था. इसकी जानकारी भी देनी है.

जिसके नाम मकान नहीं उसे भी नोटिस...

शहर में सर्वे कर कर ही श्रम विभाग के लोग इस तरह के नोटिस तैयार कर रहे हैं और उन्हें रजिस्टर्ड डाक से व्यक्ति के पते पर भेजा जा रहा है. हालांकि कई मकानों के बाहर नेम प्लेट पर पढ़कर या पड़ोसियों से पूछ कर ही उन्हें नोटिस दिया जा रहा है. ऐसे में जिस व्यक्ति के नाम मकान की रजिस्ट्री है. उसकी जगह दूसरे व्यक्ति के नाम भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं.

सालों से रह रहे हैं अब मिला नोटिस...

जिन लोगों को श्रम विभाग ने लेबर सेस के लिए नोटिस जारी किए हैं. उनमें से अधिकांश लोग साल 2009 के पहले ही इन कॉलोनियों में रहने लग गए थे. अब इस तरह का नोटिस अचानक से आ जाने से लोग भी सकते में हैं और परेशानी में आ रहे हैं. कुछ लोगों ने तो वकीलों की सलाह भी लेना शुरू कर दिया है.

1800 नोटिस दिए, सर्वे का काम जारी...

श्रम विभाग के अधिकारियों ने हालांकि तो कैमरे पर आकर बोलने से मना कर दिया. लेकिन साफ तौर पर स्वीकार किया है कि शहर भर में अब तक 1800 से ज्यादा नोटिस में तामिल करा चुके हैं. जिनको रजिस्टर्ड डाक से भेजा जा रहा है. पहले लेबर सेस यूआईटी और नगर निगम में जमा हो रहा था. अबे खुद ही सर्वे कराकर नोटिस भेज रहे हैं. उन्होंने अब तक 1800 से ज्यादा नोटिस कोटा शहर की नई कॉलोनियों के निवासियों को दिए हैं, जिन्होंने साल 2009 के बाद ही मकान बनाए हैं.

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