कोटा.शहर की नई कॉलोनियों के निवासियों के सामने एक और नए तरह के टैक्स की देनदारी का बोझ सामने आ गया है. श्रम विभाग की तरफ से शहर की नई कॉलोनियों में बने मकानों का सर्वे कर उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है कि वे लोग लेबर सेस जमा कराएं, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अधिकांश लोगों को तो इस तरह के टैक्स के बारे में जानकारी ही नहीं है.
ऐसे में वे एक नए टैक्स के बारे में सुनकर ही चौक जाते हैं. कई लोगों ने तो इन नोटिस को रख लिया है और उस पर किसी तरह का कोई रिस्पांस नहीं कर रहे हैं. कुछ लोगों ने वकील से भी इस संबंध में जानकारी ली है. कोटा शहर के जिन कॉलोनियों में नोटिस दिए गए हैं. उनमें शहर में बोरखेड़ा एरिया की नई कॉलोनियां, श्रीनाथपुरम, आरकेपुरम, कुन्हाड़ी, लैंड मार्क, बालिता रोड, विवेकानंद नगर, राजीव गांधी नगर शामिल हैं.
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ईटीवी भारत ने श्रम विभाग के कार्यालय में जाकर इस तरह के नोटिस के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि भवन और अन्य सभी संनिर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम बनाया गया था. इसके तहत 27 जुलाई 2009 के बाद जितने भी निर्माण कार्य शुरू हुए हैं, उन लोगों से श्रमिक सेस वसूला जाना है. इसी के लिए कोटा शहर की नई कॉलोनियों में सर्वे करवाया जा रहा है और लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं.
ठेकेदारों से वसूलनी थी राशि...
श्रमिक कल्याण के लिए सरकार ने योजना तो बना दी थी. लेकिन रुपए देने की बात आई तो हाथ पीछे खींच लिए थे. इसकी जिम्मेदारी भी श्रम विभाग के जिम्मे डाल दी, जिसके बाद श्रम विभाग ने बला से छुटकारा पाने के लिए नया रास्ता निकाल लिया. उसे पता था कि मकान बन चुके हैं. उसमें ठेकेदारों से राशि वसूलना मुश्किल है. इसलिए भवन मालिकों को नोटिस जारी कर दिए हैं.
निर्माण लागत का 1 फीसदी करनी है वसूली...